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डीडीसीए के वरिष्ठ अधिकारियों ने की रजत शर्मा को ‘डीडीसीए की अदालत’ में घेरने की तैयारी

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ(डीडीसीए) के नये अध्यक्ष रजत शर्मा के खिलाफ उनके ही पैनल के क्रिकेट निदेशक संजय भारद्वाज और सचिव विनोद तिहारा खड़े हो गये हैं और उन्हें डीडीसीए की अदालत में घेरने की तैयारी

डीडीसीए के वरिष्ठ अधिकारियों ने की रजत शर्मा को ‘डीडीसीए की अदालत’ में घेरने की तैयारी
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नयी दिल्ली। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ(डीडीसीए) के नये अध्यक्ष रजत शर्मा के खिलाफ उनके ही पैनल के क्रिकेट निदेशक संजय भारद्वाज और सचिव विनोद तिहारा खड़े हो गये हैं और उन्हें डीडीसीए की अदालत में घेरने की तैयारी में हैं।

क्रिकेट निदेशक भारद्वाज ने शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में रजत पर प्रोक्सी अध्यक्ष होने का आरोप लगाते हुये कहा कि वह मनमाने तरीके से डीडीसीए को चला रहे हैं और क्रिकेट का हित सोचने वाले अपने साथियों को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं।

भारद्वाज ने कहा,“ मैंने रजत को कई पत्र लिखे हैं और उनके मनमाने रवैये की तरफ ध्यान भी आकर्षित किया है। लेकिन उन्होंने मेरे तमाम सुझावों को नज़रअंदाज़ करते हुये मुझे क्रिकेट मामलों से ही दरकिनार कर दिया है। वह क्रिकेट मामलों को अपने ड्राइंग रूम से चलाने का प्रयास कर रहे हैं।”भारद्वाज के साथ साथ तिहारा ने भी अपना असंतोष जताते हुये रजत को पत्र लिखकर उनपर तानाशाह होने और गैर लोकतांत्रिक तरीके से काम करने का आरोप लगाया।

क्रिकेट निदेशक ने कहा,“ यदि मेरी शिकायतों को दूर नहीं किया जाता है तो मैं एक सप्ताह बाद भूख हड़ताल पर उतर जाऊंगा। मैं एक सप्ताह से अधिक इंतजार नहीं करूंगा। हां यदि मेरी शिकायतें दूर हो जाती हैं तो मैं उनके साथ काम करने को तैयार हूं। मेरी रजत से कोई सीधी बात नहीं हुई है क्योंकि वह हमें समय नहीं देते हैं।

जो भी कुछ हो रहा है वह मेल के जरिये हो रहा है। सचिव तिहारा भी रजत की कार्यशैली के खिलाफ हैं। वह आज हमारे साथ आ सकते थे लेकिन वह इस समय शहर से बाहर हैं।”

भारद्वाज ने बताया कि राज्य क्रिकेट संघ में लोढा समिति की सिफारिश के अनुसार ही एक क्रिकेटर की क्रिकेट मामलों को चलाने के लिये नियुक्ति की गयी थी। लेकिन डीडीसीए में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है और डीडीसीए अध्यक्ष ही अपने हिसाब से क्रिकेट समिति अौर चयन समितियों की नियुक्ति कर रहे हैं और डीडीसीए के 12 निदेशकों की पूरी टीम को दरकिनार कर दिया गया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि तीन सदस्यीय क्रिकेट समिति में शामिल वीरेंद्र सहवाग, आकाश चोपड़ा और राहुल सांघवी पर हितों के टकराव का पूरा मामला बनता है जबकि इस समिति में आमंत्रित सदस्यों के रूप में शामिल गौतम गंभीर भी हितों के टकराव के घेरे में आते हैं। उन्होंने कहा,“ क्रिकेट समिति को विभिन्न चयन समितियों को चुनने का अधिकार दिया गया है लेकिन ये खिलाड़ी कैसे इन समितियों का चयन कर सकते हैं जो खुद हितों के टकराव के घेरे में हैं।”

भारद्वाज ने सीनियर चयन समिति पर भी सवाल उठाते हुये कहा कि इस समिति के अध्यक्ष अमित भंडारी और सदस्य रजत भाटिया तथा सुखविंदर सिंह और जूनियर चयन समिति के अध्यक्ष परविंदर अवाना तथा सदस्य सिद्धार्थ साहिब सिंह और मयंक तहलान पर भी हितों के टकराव का मामला बनता है। भारद्वाज ने खासतौर पर सहवाग के लिये कहा कि वह अपनी अकादमियां चलाते हैं और रजत शर्मा के टीवी चैनल में विशेषज्ञ की भूमिका में भी आते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि रजत शर्मा ने डीडीसीए को जैसे अपने टीवी चैनल की सहायक कंपनी बना लिया है और वह डीडीसीए का तमाम संचालन नोएडा स्थित अपने चैनल के कार्यालय से कर रहे हैं। भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि रजत के टीवी चैनल के उपाध्यक्ष पुनीत टंडन तमाम ईमेल लिख रहे हैं और फोन पर डीडीसीए बोर्ड के सदस्यों को निर्देश जारी कर रहे हैं। उनका यह भी आरोप है कि डीडीसीए के कर्मचारियों को तमाम जवाब देने के लिये नोएडा जाना पड़ता है।

भारद्वाज ने मांग की कि मौजूदा हालात में बेहतर होगा कि डीडीसीए अपना चुनाव दोबारा कराये और नये अध्यक्ष का चुनाव करे जो दिल्ली की क्रिकेट के हित में काम कर सके।



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