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डीडीसी चुनाव ने जम्मू-कश्मीर में स्व-शासन का परिचय दिया : जितेंद्र सिंह

भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री कार्यालय केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि डीडीसी चुनावों ने जम्मू एवं कश्मीर में लोकतंत्र के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत की है

डीडीसी चुनाव ने जम्मू-कश्मीर में स्व-शासन का परिचय दिया : जितेंद्र सिंह
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श्रीनगर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री कार्यालय केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनावों ने जम्मू एवं कश्मीर में लोकतंत्र के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत की है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने केंद्र शासित प्रदेश में डीडीसी चुनावों के साथ पहली बार सच्चे स्व-शासन और सच्ची स्वायत्तता आने की बात कही।

वह मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में डीडीसी चुनावों के लिए दूसरे चरण के मतदान से पहले श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, "73 साल के बाद पहली बार जम्मू और कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र शुरू किया गया है।"

सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की टिप्पणी का भी जवाब दिया, जिसमें मुफ्ती ने कहा था कि डीडीसी चुनाव और कश्मीर मुद्दा अलग-अलग हैं और यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के मुद्दे का हल नहीं है। सिंह ने कहा कि यह एक स्व-विरोधाभासी बयान है और डीडीसी चुनाव लोगों की आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति है।

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दलों ने तो पंचायत चुनावों का बहिष्कार किया था, मगर अब क्या बदल गया है कि ये दल डीडीसी चुनावों में भाग ले रहे हैं।

सिंह ने कहा, "उन्होंने कहा था कि वे तब तक पंचायत चुनाव नहीं लड़ेंगे, जब तक कि संवैधानिक स्थिति को पलट नहीं दिया जाएगा। कम से कम उन्हें अपने लोगों के प्रति वफादार होना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए को भारत की संसद ने हटाया है, जो इस देश के 1.30 अरब लोगों का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें जम्मू एवं कश्मीर के लोग भी शामिल हैं।

भाजपा नेता ने उन आरोपों को भी खारिज कर दिया, जिसमें जम्मू-कश्मीर के स्थानीय दलों ने कहा है कि पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन के सदस्यों को चुनावी प्रचार करने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा उम्मीदवारों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने चुनावों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है और संभवत: वे लोग ऐसा करने में असमर्थ हैं, इसलिए वे बहाना ढूंढ रहे हैं।

उन्होंने कहा, "उन्हें ठोस सबूतों के साथ सामने आने दें। चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है, अगर उसे कोई शिकायत मिलती है तो कार्रवाई होगी।"


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