डीडीए ने गोयल की संस्था को दी जमीन, आप ने बोला विजय गोयल पर हमला
आम आदमी पार्टी ने आज भाजपा के केंद्रीय मंत्री विजय गोयल पर हमला बोलते हुए

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने आज भाजपा के केंद्रीय मंत्री विजय गोयल पर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण ने अपने ही विभाग की आपत्तियों को नजरअंदाज कर विजय गोयल की एनजीओ को जमीन आवंटन के लिए नियमों में फेरबदल कर डाले। एनजीओ के लिए नियमों को ताक पर रखने का आरोप लगाते हुए आप नेता ने कहा कि वैश अग्रवाल एजुकेशन सोसायटी नाम की संस्था में विजय गोयल उपाध्यक्ष हैं और उनके बच्चे सदस्य। हालाxकि विजय गोयल ने इन आरोपों को सिरे से नकारा है।
आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मोदी सरकार में मंत्री विजय गोयल की एनजीओ को जीटी करनाल रोड़ पर एक ज़मीन डीडीए ने सारे नियमों कायदों को नजरअंदाज करते हुए अलॉट की है। डीडीए ने विजय गोयल की एनजीओ को ज़मीन देने के लिए लेआउट प्लान में भी बदलाव कर दिए क्योंकि यह जमीन डीडीए ने पोस्ट ऑफिस के लिए आबंटित की थी, चूंकि यह प्लाट गोयल के स्कूल के बगल में है और इसे स्कूल के खेल के मैदान के तौर पर इस्तेमाल भी कर रहा है। डीडीए ने नियमों में बदलाव करते हुए खिलौना बैंक बनाने के लिए यह जमीन आबंटित कर दी जिसे गोयल का स्कूल पहले से ही इस्तेमाल कर रहा है।
मजेदार बात है कि जिस बैठक में गोयल की एनजीओ के आवेदन को स्वीकारा गया उसी में नामचीन संस्था इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर ऑर्ट एंड कल्चर हेरिटेज के आवेदन को खारिज कर दिया।
आप नेता ने कहा कि दिल्ली सरकार,डीडीए को बार बार जनता के हित के लिए मोहल्ला क्लीनिक, अस्पताल बनाने के लिए जमीन मांग रही है लेकिन डीडीए तैयार नहीं है। ऐसे ही गोयल के एनजीओ को साल 2002 में महरौली-बदरपुर रोड़ पर भी जमीन दी गई थी, उस वक्त भी केंद्र में भाजपा सरकार थी। उन्होंने दावा किया कि आम आदमी आने वाले पूरे हफ्ते में ऐसे ही भाजपा के इशारों पर काम करने वाली डीडीए के जमीन घोटालों का पर्दाफाश कर, जनता को सच्चाई बताएगी।
जवाब में विजय गोयल ने कहा कि गरीब बच्चों के लिए 15 से 20 साल पहले खिलौना बैंक शुरू किया और 16 राज्यों में 40 एनजीओ के साथ पांच लाख से ज्यादा खिलौने 25 से 30 स्कूल के साथ मिलकर बांटे हैं। लाल बाग, गुजरांवाला बाग, खिलौना वितरण शुरू किया। निगम का शायद ही कोई स्कूल बचा हो जहां खिलौने न दिए हों। मैं इसमें कोई पदाधिकारी नहीं हूं जिस प्लाट की बात हो रही है जब उसका आवंटन किया गया तब मैं न तो सांसद था न मंत्री। हम झुग्गी बस्ती के समीप चाहते थे, एक हजार वर्ग मीटर के प्लाट के लिए योग्यता रखते थे, लेकिन 488 वर्गमीटर आवंटित किया गया। ले आउट प्लान बदलने का आरोप गलत है क्योंकि वर्ष 2000 में ये पोस्ट आफिस था। चूंकि पूरा क्षेत्र इंस्टिट्यूशनल था इसलिए तभी ले आउट चेंज किया गया। वर्ष 2003 में 291 प्लाट का अलग अलग संस्थाओं को आवंटन किया गया। यह प्लाट मंदिर के लिए था जिसे बाद में खिलौना बैंक को दे दिया गया। इसका 14 साल पहले ले आउट प्लान बदला गया था। आप नेता अपनी हार से झुंझला रहे हैं इसीलिए गरीब बच्चों को खिलौना देने वाले बैंक के कामकाज पर सवालिया निशान लगा रहे हैं।


