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डीडीए फ्लैट हादसा : संयोग से बची परिवार की जिंदगी

रोहिणी स्थित दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा निर्मित एक फ्लैट में दो दिन पूर्व हुए हादसे में उस परिवार की जिंदगी संयोग से ही बच गई

डीडीए फ्लैट हादसा : संयोग से बची परिवार की जिंदगी
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नई दिल्ली। रोहिणी स्थित दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा निर्मित एक फ्लैट में दो दिन पूर्व हुए हादसे में उस परिवार की जिंदगी संयोग से ही बच गई थी। फ्लैट की छत गिरने से चंद सेकेंड पहले तक परिवार के सदस्य उसी छत के नीचे बैठे हुए थे। तीन कमरों वाले एमआईजी फ्लैट संख्या-57 में विनय बाबू शर्मा का परिवार रहता है।

विनय बाबू शर्मा की पत्नी सीमा शर्मा बताती है, "बुधवार (4 सितंबर) शाम करीब सवा सात बजे का समय था। परिवार के सभी लोग ड्राइंग रूम में बैठे हुए थे। कुछ समय बाद जैसे ही हम सभी अंदर वाले कमरे में पहुंचे, ड्राइंग रूप से धड़ाम की आवाज आई। संयोग से हमारी जान बच गई।"

सीमा और विनय बाबू के बेटे निखिल ने अगले दिन मौके पर जांच करने पहुंचे दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को बताया, "संयोग से हादसे में किसी को चोट तो नहीं आई, मगर ड्राइंग रूम में रखा सामान बर्बाद हो गया।"

विनय बाबू शर्मा गवर्मेट कांट्रेक्टर हैं, और उनका परिवार करीब 10 साल से रोहिणी सेक्टर 24 स्थित पाकेट-23 यूनिटी अपार्टमेंट में इस फ्लैट में रह रहा है। तीन कमरों के एमआईजी फ्लैट की छत अचानक भरभराकर गिर जाने से आसपास के लोगों में भी दहशत का माहौल है।

शर्मा ने बताया कि घटना के बाद 100 नंबर पर पुलिस को जानकारी दी गई। पुलिस आई और उसके अगले दिन दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधिकारी जांच-पड़ताल के लिए मौके पर पहुंचे।

घटनास्थल पर मौजूद फ्लैट्स के निवासियों ने आईएएनएस को बताया, "डीडीए ने जब से इन फ्लैट्स का निर्माण कराया है, उसके बाद से फ्लैट किस कदर जर्जर हो चुके हैं, डीडीए ने कभी इसकी सुध नहीं ली। यही वजह है कि सही-सलामत दिख रहे इस फ्लैट की छत अचानक भर-भराकर नीचे आ गिरी।"


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