तकनीकी खामियों के चलते एप की पहुंच से बाहर हुए निगम के डीबीसी
घर-घर जाकर मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव करने वाले डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर (डीबीसी) के दैनिक कार्यों में सहायता के लिए बनाई गई कंप्यूटर एप्लीकेशन (एप) में तकनीकी दिक्कतें पेश आ रही हैं
नई दिल्ली। घर-घर जाकर मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव करने वाले डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर (डीबीसी) के दैनिक कार्यों में सहायता के लिए बनाई गई कंप्यूटर एप्लीकेशन (एप) में तकनीकी दिक्कतें पेश आ रही हैं। शुरुआत में जहां डीबीसी के टैबलेट कंप्यूटर में एप डाउनलोड नहीं होने की शिकायतें आ रही थी। वहीं, अब एप तो डाउनलोड हो रही है लेकिन इलाके में कार्यरत डीबीसी की मौजूदगी ट्रैक नहीं हो पा रही है।
दरअसल, इस एप में डीबीसी पर निगरानी रखने की व्यवस्था की गई है ताकि उनके द्वारा संपन्न कार्यों की तकनीकी पुष्टि भी की जा सके। उधर, संबंधित विभाग के अधिकारी ने बताया कि डीबीसी कर्मियों को टैब और एप इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है लेकिन एप में कुछ तकनीकी खामियां आने के चलते वांछित परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं।
आईटी विशेषज्ञ इन खामियों को दूर करने में जुटे हैं। जल्द ही इन तकनीकी खामियों को दूर कर लिया जाएगा और एप सही से काम करना शुरू कर देगा। गौरतलब है कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने इस एप का इस्तेमाल करने के लिए अपने 200 डीबीसी कर्मियों को आधुनिक टैबलेट कंप्यूटर दिए हैं। इन टैब को एक सॉफ्टवेयर के जरिए निगम मुख्यालय में स्थापित नियंत्रण कक्ष से जोड़ा गया है। इसके तहत जैसे ही डीबीसी अपने टैब में मौजूद एप को लॉगिन करेंगे उनकी मौजूदा स्थिति (लोकेशन) नियंत्रण कक्ष में ट्रैक हो जाएगी।
इस आधुनिक तकनीक से न सिर्फ इलाके में तैनात डीबीसी की मौजूदगी पुष्ट हो सकेगी बल्कि उसके द्वारा एप में दर्ज तमाम जानकारियां भी निगम अधिकारियों को ऑनलाइन मिल सकेंगी। वहीं, घर घर जाकर डेंगू , मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम में जुटे डीबीसी के सर्वेक्षण को फर्जी कहने वालों पर भी रोक लग सकेगी।


