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डीबी पावर ने दी किसानों को कागज पर नौकरी

डीबी पॉवर के रेल लाईन के लिए कृषि भूमि देने वाले प्रभावित ग्रामीण अब कंपनी के खिलाफ पूरी तरह से लामबंद हो चुके हैं और लगातार धरना प्रदर्शन पर डटे हुए

डीबी पावर ने दी किसानों को कागज पर नौकरी
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खरसिया। डीबी पॉवर के रेल लाईन के लिए कृषि भूमि देने वाले प्रभावित ग्रामीण अब कंपनी के खिलाफ पूरी तरह से लामबंद हो चुके हैं और लगातार धरना प्रदर्शन पर डटे हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में चल रहे रेल लाईन के काम को पूरी तरह से बंद करा दिया है और लगातार क्षेत्र में निगरानी भी रख रहे हैं कि कंपनी द्वारा कहीं काम शुरू न करा सके। ग्रामीणों की मांग है कि पुनर्वास नीति के तहत प्रभावित परिवार के सदस्य को नौकरी और बोनस प्रदान किया जाए लेकिन कंपनी ऐसा करने से साफ तौर पर मना कर रही है।

ऐसा नहीं है कि प्रशासन द्वारा इसमें कदम नहीं उठाया गया था ग्रामीणों की मांग पर वर्ष 2014 में ही कंपनी को पत्र प्रेषित कर प्रभावितों को नौकरी देने की कहा गया था। लेकिन डीबी पॉवर द्वारा ग्रामीणों की मांग को लगातार अनदेखी करते चला आ रहा है और कई बार ग्रामीणों पर काम में बाधा डालने की थाने में शिकायत कर डराने से पीछे नहीं हटी है। लेकिन अब ग्रामीण डीबी के खिलाफ आर पार की लड़ाई के मूड में है। डीबी पॉवर के लिए कोयला परिवहन करने के लिए बिछाई जाने वाली रेल लाईन के लिए जमीन देने वाले प्रभावित ग्रामीण अब कंपनी के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मुड में है।

यही वजह है कि अब ग्रामीण कंपनी के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गए हैं। चन्द्रपुर विधानसभा के पूर्व विधायक प्रत्याशी रामकुमार यादव के नेतृत्व मे खरसिया राबर्टसन क्षेत्र के ग्राम कुनकुनी व सोनबरसा में किसान आन्दोलन कर रहे हैं वही आमापाली,खैरपाली व फुलबंधिया के प्रभावित किसान भी डी बी पावर के सभी कार्य को बंद कर टेन्ट लगाकर अपनी मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं ।

जिनका भी रामकुमार यादव द्वारा धरना स्थल पहुंच कर किसानों का समर्थन करते हुए चौबीसो घण्टा किसानो के साथ होने की बात कही जा रही है। डीबी पॉवर रेल लाइन के प्रभावित कृषक ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी द्वारा अपने रसुख के बल पर बीते दो सालों से प्रभावितों के आवाज को कुचलने का पूरा प्रयास किया है द्य लेकिन अब वे इसके खिलाफ झुकने को तैयार नहीं है। जब तक कंपनी ग्रामीणों की मांग पर सहमति नहीं बनाती है तब तक ग्रामीण काम शुरू नहीं करने देने के मूड में हैं।

फुलबंधिया के ग्रामीण कागजों में कर रहे हैं नौकरी

कम्पनी द्वारा ली गई किसानों की जमीन के एवज में प्रभावित किसानो को नौकरी देना था द्य लेकिन कम्पनी ने जिला कलेक्टर के जनदर्शन के बेबसाईड में खरसिया अनुविभागीय अधिकारी द्वारा यह जानकारी दी गई है कि कम्पनी ने गांव के कई लोगों को नौकरी दे दी है। ग्रामीणों को इस बात की जानकारी तब पता चला जब वे नौकरी की मांग के लिए कलेक्टर के पास गए थे और हकीकत में कम्पनी द्वारा किसी को नौकरी देना जरूरी नहीं समझा, बल्कि कागजों पर ही नौकरी देना जरूरी समझा गया। तब से किसान अपने आप को कम्पनी से छला हुआ महसूस कर रहे हैं।

युवक कांग्रेस महासचिव तारेन्द्र ने किया समर्थन

युवक कांग्रेस महासचिव तारेन्द्र डनसेना ने डी बी पावर के खिलाफ आन्दोलन कर रहे किसानों को समर्थन देने के लिए आन्दोलन स्थल पर पहुंचे द्य किसानो की सभी मांग को जायज बताते हुए कहा कि कम्पनी के नीयत में खोट है जिस कारण आज तक प्रभावित किसानों को नौकरी नही दी है और कागजो पर नौकरी देकर किसानों के साथ धोखा व अपमान किया है कम्पनी जल्द से जल्द सभी प्रभावित किसानों को नौकरी व कागजो में कर रहे नौकरी वाले किसानो को नौकरी व दो साल तक का पेमेंट दे नही तो आने वाले दिनो मे इस आन्दोलन को उग्र रूप दिया जाएगा।


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