बेटी बोझ नहीं वरदान है, शिक्षा, सुरक्षा का लें संकल्प: तिवारी
बेटियां बोझ नहीं वरदान हैं और यह समझने में हमारे देश को 67 वर्ष लगे जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। सबको साथ लेकर चलने वाली केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने बेटियों के सम्मान के लिए यह अभियान चलाया है

नई दिल्ली। 'बेटियां बोझ नहीं वरदान हैं और यह समझने में हमारे देश को 67 वर्ष लगे जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। सबको साथ लेकर चलने वाली केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने बेटियों के सम्मान के लिए यह अभियान चलाया है।’
नंद नगरी स्थित डीएम कार्यालय में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत एक कार्यक्रम में उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद एवं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने यह विचार व्यक्त किए।
उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ताओं, मोहल्ला सुधार समितियों के पदाधिकारियों एवं क्षेत्रीय निवासियों को मनोज तिवारी ने संबोधित करते हुए कहा बेटियां आज मां-बाप का नाम रोशन कर रही हैं।
श्री तिवारी ने कहा इस अभियान के माध्यम से यहां बेटियों के मां-बाप को जागरुक किया जा रहा है। साथ ही बेटियों को अपने पैर पर खड़े करने के लिए केन्द्र सरकार ने मुद्रा लोन के तहत ऋण देकर स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में अब तक लाखों बेटियों को 3 लाख रुपए का सहायता ऋण देकर स्वावलंबी बनाया गया है। उन्होंने कहा नरेन्द्र मोदी सरकार ने संकल्प लिया है कि वह बेटियों को बोझ नहीं बनने देंगे। श्री तिवारी ने कहा कि जिस बेटी में मां, बहन, पत्नी के रूप में परिवार निहित है, उसको गर्भ में मारने वाले, इंसान नहीं घोर अपराधी हैं। इसलिए बेटियों की रक्षा, सुरक्षा और उनकी शिक्षा का संकल्प लें।
जिलाधिकारी जी एल मीणा ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसा ऐतिहासिक अभियान शुरू किया जिसके प्रथम चरण में 100 जिलों को चुना गया और उनमें जागरूकता अभियान चलाया गया। ऐसे जिलों को चुना गया जहां लिंग अनुपात में बड़ी असमानता थी। आज वहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अभियान का परिणाम दिखने लगा है। इस अवसर पर कई अन्य गणमान्य जन भी मौजूद थे।


