दपूमरे जोन 20 हजार करोड़ की कमाई कर देश में अव्वल
हर वर्ष माल लादान और सकल अर्जन के क्षेत्र में अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ने वाले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन ने वर्ष 2017-18 में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है

माल लदान में बनाया कीर्तिमान
बिलासपुर। हर वर्ष माल लादान और सकल अर्जन के क्षेत्र में अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ने वाले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन ने वर्ष 2017-18 में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। बिलासपुर जोन इस साल 20000 करोड़ से भी अधिक आरंभिक आय प्राप्त कर, ऐसा करने वाला देश का इकलौता जोन बन गया है।
वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल 20109 करोड़ रुपये की आरंभिक आय अर्जित कर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने भारतीय रेल की कुल आय में लगभग 12प्रतिशत का योगदान किया है।
माल लादान में अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए कुल 180 मिलियन टन वार्षिक लादान के आंकड़े को बिलासपुर जोन ने पार किया। इसके साथ ही पिछले 7 वर्षों से लगातार 150 मिलियन टन से अधिक लादान करने वाला एक मात्र जोन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे है।
ये उपलब्धि हासिल करना इस वर्ष खासकर बेहद कठिन था, क्योंकि इस वर्ष रेलवे में संरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए ट्रैक के रखरखाव पर विशेष जोर दिया गया। पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2017-18 में लगभग 40प्रतिशत अधिक प्रमुख मशीन ब्लॉक दिए गए। पिछले 10 सालों की तुलना में सर्वाधिक रेल नवीनीकरण के कार्यों को इस वर्ष अंजाम दिया गया।
इसके साथ ही अधोसंरचना के विकास में भी हर हाल में लक्ष्य प्राप्ति पर सारा जोन साल भर लगा रहा। जिसका परिणाम भी जोरदार रहा। इस साल 200 किलोमीटर से ज्यादा नई रेल लाइनों का निर्माण किया गया। जिसमें आमान परिवर्तन, नई लाइनों के साथ साथ महत्वपूर्ण सेक्शन के दोहरीकरण तथा तिहरीकरण के कार्य भी सम्मिलित हैं।
रेलवे निर्माण के क्षेत्र में मौजूद लाइनों के दोहरीकरण तथा तिहरीकरण के कार्यों को गाड़ियों के परिचालन की दृष्टि से सर्वाधिक जटिल माना जाता है क्योंकि इन कार्यों के लिए बड़े ब्लॉक के साथ साथ नॉन इंटरलॉकिंग की जरूरत होती है, जिसका सीधा प्रभाव गाड़ियों की गति पर पड़ता है।
लगभग 80 किलोमीटर डबलिंग तथा तीसरी लाइन के कार्यों को इस साल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने सफलता पूर्वक पूरा किया है। निर्माण के क्षेत्र में भी नए कीर्तिमान स्थापित करने के साथ साथ, बिलासपुर जोन को माल लादान तथा आय में मिली अभूतपूर्व उपलब्धि ये साबित करती है जोन में रेल परिचालन से जुड़ा के बड़ा अमला अधिक प्रयास और अधिक मेहनत के दम पर लगातार कुछ अच्छा और कुछ बेहतर करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।
भारतीय रेल के कुल रूट किलोमीटर का केवल 4 प्रतिशत भाग ही दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के पास है। 4 प्रतिशत भाग के साथ 12प्रतिशत आय इस जोन के कर्मचारियों की कर्मठता की कहानी बयां करती है।


