कश्मीर से भी खतरनाक हैं बस्तर के हालात,शांति वार्ता आदिवासियों के हित में : सोरी
दंतेवाड़ा ! आम आदमी पार्टी की नेत्री सोनी सोरी ने बस्तर में सर्जिकल स्ट्राइक की नहीं बल्कि शांति वार्ता की जरूरत बतायी है।

सर्जिकल स्ट्राइक नहीं, शांति वार्ता है आदिवासियों के हित में
नक्सलगढ़ के शहीदों के परिजनों को भी मिले 1 करोड़ की सहायता राशि
बुरकापाल जाकर आम आदमी पार्टी ने शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि
दंतेवाड़ा ! आम आदमी पार्टी की नेत्री सोनी सोरी ने बस्तर में सर्जिकल स्ट्राइक की नहीं बल्कि शांति वार्ता की जरूरत बतायी है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते पहले ही बस्तर से आदिवासियों का खात्मा हो रहा है, अब सैन्य कार्रवाई से आदिवासी ही मारे जायेंगें। बस्तर की स्थिति कश्मीर से खतरनाक है। कश्मीर का दर्द राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मंचों तक पहुंचता है, लेकिन बस्तर के आदिवासियों की पीड़ा राजधानी रायपुर तक भी नहीं पहुंच रही है। बुरकापाल में शहीद सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि देकर दंतेवाड़ा लौटी सोनी सोरी पत्रकारों से चर्चा कर रही थी।
श्रीमती सोरी ने कहा कि बुरकापाल जाने वाली आम आदमी पार्टी पहली राजनीतिक पार्टी है, जिसने घटना स्थल पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और वहां के हालात का जायजा लिया। बुरकापाल तक पहुंचने उनकी टीम को 8 कैंपों और 2 थानों से होकर गुजरना पड़ा। हर जगह कड़ी पूछताछ हुई। बुरकापाल कैंप में सीआरपीएफ जवानों ने टीम को घूसने ही नहीं दिया, बल्कि जवान इतने गुस्से में थे कि उन्हें जवानों की शहादत पर राजनीति नहीं करने की नसीहत दी गयी, हालाकि डिप्टी कमांडेंट के साथ टीम की चर्चा हुई। जवानों के गुस्से को वो जायज मानती हैं और इसके लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार जिम्मेदार है।
सोनी सोरी ने एक बार फिर कहा है कि नक्सलवाद का खात्मा फोर्स अथवा सैन्य कार्रवाई से नहीं हो सकता, बल्कि इसके लिए हालात सुधारने की जरूरत है। शांतिवार्ता की पहल होनी चाहिए। हिंसा चाहे वह नक्सलियों द्वारा की जाए या फिर राज्य प्रायोजित, दोनों गलत है, क्योंकि दोनों ही तरफ से निशाने पर बस्तर का आम आदिवासी ही होता है। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी की टीम को बुरकापाल में एक ऐसी महिला भी मिली जो प्रसव वेदना से पीडि़त थी। जोगा हेमला नाम की इस महिला ने बताया कि वह अपने पति के साथ अस्पताल जा रही थी, लेकिन पुलिस ने उनके पति को पकड़ लिया है। 6 पुरूषों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिसमें इस महिला का पति भी शामिल है। सोनी सोरी ने जिला प्रशासन से एम्बुलेंस भेजकर गांव में इस महिला का प्रसव कराने का अनुरोध किया है।
शांति वार्ता की वकालत कर रही सोनी सोरी ने यह भी बताया कि बुरकापाल इलाके में दहशत का माहौल है। गांव के गांव खाली हो रहे हैं। चिंतागुफा, बुरकापाल लगभग विरान हो गए हैं। सैन्य कार्रवाई की तैयारी में जुटी केन्द्र व राज्य सरकार बस्तर की जमीनी हकीकत से अंजान है। यहां के जन प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और रहवासियों से सलाह मशविरा किये बगैर किसी भी तरह का कार्रवाई का कोई औचित्य नहीं है। बस्तर के लोगों को अपने भविष्य के मामले में आत्म निर्णय का अधिकार तो मिलना ही चाहिए। यह पूछे जाने पर कि अपनी लड़ाई में अन्य जन प्रतिनिधियों का साथ उन्हें क्यों नहीं मिल रहा है ? सोनी सोरी ने कहा कि यह बस्तर का दुर्भाग्य है कि यहां के जन प्रतिनिधि स्थानीय रहवासियों के बारे में किसी भी तरह का विचार नहीं कर रहे हैं। श्रीमती सोरी ने यह भी कहा कि कर्तव्य दौरान शहीद होने पर दिल्ली सरकार द्वारा प्रत्येक जवान के परिवार को एक करोड़ की सहायता राशि दी जाती है, इसी तरह से छत्तीसगढ़ में भी शहीद जवान के परिजनों को एक-एक करोड़ की सहायता राशि दी जाए, चाहे शहीद होने वाला जवान छत्तीसगढ़ फोर्स का हो या फिर केन्द्रीय फोर्स का।
श्रीमती सोरी ने बताया कि उनकी राज्य स्तरीय टीम में सुकमा के पूर्व सीजीएम प्रभाकर ग्वाल, रायपुर से डॉक्टर संकेत ठाकुर, महिला विंग प्रमुख दुर्गा झा, दंतेवाड़ा से सुकुल प्रसाद नाग, बीजापुर से तिरूपति एलम, रामदेव बघेल और लिंगाराम कोड़ोपी सहित 10 कार्यकर्ता शामिल थे।


