साथियों को समाज विरोधी बताकर नक्सली का समर्पण
दंतेवाड़ा ! नक्सलियों के करीब रहकर उनकी खोखली नीतियों को समझा तो खुद को ठगा महसूस करते जनमिलिशिया सदस्य ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।

समाज की मुख्यधारा से जुडऩे का संकल्प
पुलिस ने दी तत्काल दस हजार की प्रोत्साहन राशि
दंतेवाड़ा ! नक्सलियों के करीब रहकर उनकी खोखली नीतियों को समझा तो खुद को ठगा महसूस करते जनमिलिशिया सदस्य ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। युवक अब मुख्य धारा में लौटकर आम जिंदगी जीना चाहता है। समर्पित नक्सली को दस हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि पुनर्वास नीति के तहत दी गयी।
दरभा डिवीजन के कटेकल्याण एरिया कमेटी में सक्रिय नक्सली हुंगा पिता मडक़ामी मांझी (30) ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। कटेकल्याण थाना क्षेत्र के ग्राम कलेपाल निवासी हुंगा के मुताबिक वह पिछले पांच साल से नक्सली संगठन में जुडक़र काम कर रहा था। इस बीच वह नक्सली नेता सुकराम, जगदीश, मंगतू के निर्देश पर कलेपाल क्षेत्र में सक्रिय रहा। इस दौरान वह नक्सली संगठन को मजबूत करने के साथ क्षेत्र में पुलिस की गतिविधियों की जानकारी पहुंचाता था। इतना ही नहीं नेताओं के कहने पर ग्रामीणों की बैठक और भोजन आदि की व्यवस्था भी करता था, लेकिन पांच वर्षों उनसे नक्सल संगठन और नक्सली नेताओं को करीब से देखा-समझा तो पूरी नीतियां समाज विरोधी निकली। नक्सली भाई को भाई से पिटवाने, हत्या कराने से लेकर गांव और क्षेत्र के विकास में बाधा उत्पन्न् करते हैं। उनकी बात नहीं मानने या सलाह देने पर अपने साथियों को भी मुखबीर का तमगा देकर मारने से नहीं कतराते। परिवार और रिश्तेदारों से मिलने पर भी पाबंदी लगा रखी थी। इसलिए वह नक्सलियों से दूर रहकर समाज के साथ रहना चाहता है। आत्मसमर्पित नक्सलियों के माध्यम से पुलिस अफसरों से संपर्क किया। अब वह समाज विरोधी कार्य करने की बजाय विकास और लोगों की सुरक्षा के लिए काम करेगा।
एएसपी नक्सल आपरेशन जीएन बघेल ने युवक हुंगा को शासन के नीतियों के तहत दस हजार रुपए का चेक पुनर्वास और प्रोत्साहन के रुप में दिया। एएसपी बघेल ने कहा है कि जो भी व्यक्ति नक्सल राह छोडक़र पुलिस और समाज का सहयोग करने आगे आएगा, उसका स्वागत है। उसे शासन की ओर से मिलने वाली सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान की जाएगी।


