झोला छाप डॉक्टरों पर प्रशासन मेहरबान
दंतेवाड़ा ! माननीय उच्च न्यायालय की फटकार के बाद झोलाछाप डॉक्टरों और अवैध रूप से संचालित हो रहे पैथालॉजी लैब, क्लिनिक तथा नर्सिंग होम पर कार्रवाई दंतेवाड़ा जिले में भी शुरू हो गयी है।

36 अवैध क्लिनिक, लैब सील, अब तक एफआईआर नहीं, हाईकोर्ट की फटकार के बाद जागा स्वास्थ्य अमला
दंतेवाड़ा ! माननीय उच्च न्यायालय की फटकार के बाद झोलाछाप डॉक्टरों और अवैध रूप से संचालित हो रहे पैथालॉजी लैब, क्लिनिक तथा नर्सिंग होम पर कार्रवाई दंतेवाड़ा जिले में भी शुरू हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक पूरे जिले में 36 अवैध क्लिनिक और लैब के खिलाफ कार्रवाई की है। शुरूआती कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग के ढुलमुल रवैये के कारण सील किये गए पैथालौजी लैब खोलकर दुकान संचालक अपना सामान भी निकालने लगे हैं, इससे कानूनी कार्रवाई पर सवाल भी उठ रहे हैं। निरीक्षण के लिए जब टीम कई जगह पहुंची तो लैब संचालक क्लिनिक में ताला मारकर फरार हो गए। इसलिए अभी तक किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
आदिवासी बहुल दक्षिण बस्तर के जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा सहित तकरीबन तीन विकास खण्डों में लंबे अरसे से अवैध पैथोलॉजी लैब संचालित हो रहे थे। माननीय उच्च न्यायालय ने हाल ही में राज्य सरकार से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी तो मुख्य सचिव के निर्देश के बाद पूरे प्रदेश में कार्रवाई शुरू हुई। दंतेवाड़ा जिले में 36 क्लिनिक सील की जा चुकी है। जिले की औद्योगिक नगरी बचेली में 11 अवैध क्लिनिक संचालित हो रहे थे। इसमें 10 को सील किया गया, जबकि बाकि बंद पाये गए। इनमें आशीर्वाद पैथोलॉजी लैब, श्री सांई पैथोलॉजी लैब, शुंभम लैब, लोकनाथ डेन्टल क्लिनिक, डा. पटेल क्लिनिक, श्री हरिगुरू चरण क्लिनिक, मां दंतेश्वरी क्लिनिक, एलेक्स क्लिनिक, एसके मंडल क्लिनिक, रामकृष्ण क्लिनिक और पॉपुलर क्लिनिक शामिल हैं। गीदम ब्लाक में 9 क्लिनिक के खिलाफ कार्रवाई हुई है। इनमें 5 गीदम और 4 बारसूर में हैं। कुआकोंडा ब्लाक में 8 क्लिनिक पर कार्रवाई हुई है। इनमें कुआकोंडा मुख्यालय में हरिभक्त क्लिनिक, लाइफ केयर क्लिनिक तो किरन्दुल में साहु क्लिनिक, हरेश्वर जगनाथ क्लिनिक, बाबा भोलेनाथ क्लिनिक, जय जगन्नाथ क्लिनिक, दंतेश्वरी क्लिनिक और शर्मा क्लिनिक शामिल हैं। जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा में भास्कर दवाखाना, नित्यानंद दवाखाना, मंडल पैथोलॉजी लैब, मंडल पैथोलॉजी लैब कलेक्शन सेन्टर, लाइफ लाईन पैथोलॉजी लैब और ठाकुर पैथोलॉजी लैब शामिल हैं। बारसूर में पारस क्लिनिक, विश्वबंधु दवाखाना, अमिया क्लिनिक, सोनी पैथोलॉजी लैब पर कार्रवाई हुई है। कटेकल्याण ब्लाक में एक भी अवैध क्लिनिक अथवा झोलाछाप डॉक्टर का दवाखाना नहीं मिला है। जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा के राव दवाखाना और बालूद के प्रयास क्लिनिक को भी सील किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एचएल ठाकुर ने बताया कि कार्रवाई के लिए टीम का गठन किया गया था, जिसमें उनके साथ 6 अन्य संबंधित लोग शामिल थे। 18 से 20 मार्च तक जिले में कार्रवाई हुई है। अवैध दवाखाना अथवा क्लिनिक के संचालक कार्रवाई के डर से भूमिगत हो गए हैं अथवा लैब में ताला लगाकर गायब हो गए हैं। अभी तक किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। जिला मुख्यालय के संजीवनी केन्द्र पर कार्रवाई नहीं किये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे प्रशासनिक स्तर पर मिली है, इसलिए कार्रवाई नहीं की गई है। संचालित दवाखाना अथवा क्लिनिक में नर्सिंग होम एक्ट के प्रावधानों का खुले आम उल्लंघन किया गया है। इसलिए कार्रवाई हुई है। आगे राज्य शासन से मिले मार्गदर्शन के बाद फैसला लिया जाएगा।
इधर इस पूरे प्रकरण में दिलचस्प तथ्य यह भी है कि तीन दिन पहले ही सील किये गए अवैध पैथोलौजी लैब से सील तोडक़र कुछ संचालक तो अपना सामान भी बाहर निकालने लगे हैं, जबकि नियमानुसार सील तोडऩे के लिए पंचनामा और अन्य कार्रवाई की जरूरत पड़ती है। स्वास्थ्य विभाग अभी तक अमले की कमी का बहाना बनाकर झोलाछाप डॉक्टरों अथवा अवैध दवाखानों पर कार्रवाई नहीं कर रहा था, लेकिन हाईकोर्ट ने जब फटकार लगायी तो कार्रवाई शुरू हुई। अभी भी कुछ ब्लाक मुख्यालयों में निजी स्तर पर संचालित दवाखाना अथवा क्लिनिक को कार्रवाई के दायरे से बाहर रखा गया है, इससे स्वास्थ्य विभाग की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं।


