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नक्सल हमले के बाद पिछड़ गया लोक सुराज

दंतेवाड़ा ! मुख्यमंत्री का लोक सुराज अभियान सुकमा नक्सल हमले के बाद दंतेवाड़ा में पिछड़ गया है। 26 अपै्रल को मुख्यमंत्री का प्रवास इस अभियान के तहत दंतेवाड़ा के मड़से में प्रस्तावित था,

नक्सल हमले के बाद पिछड़ गया लोक सुराज
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दो बार टल चुका सीएम का दंतेवाड़ा प्रवास
अब 8 मई को दिल्ली बैठक के बाद ही तय होगा कार्यक्रम
सुराज शिविरों में बढ़ाई जा रही सुरक्षा

दंतेवाड़ा, ! मुख्यमंत्री का लोक सुराज अभियान सुकमा नक्सल हमले के बाद दंतेवाड़ा में पिछड़ गया है। 26 अपै्रल को मुख्यमंत्री का प्रवास इस अभियान के तहत दंतेवाड़ा के मड़से में प्रस्तावित था, लेकिन ठीक एक दिन पहले सुकमा के बुरकापाल में 25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बाद प्रवास टल गया है। अब बदली हुई परिस्थिति में ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री 8 मई के बाद ही सुराज के तहत दंतेवाड़ा आ सकते हैं। अभी नक्सल विरोधी अभियान में दिल्ली की नजर दक्षिण बस्तर पर टिकी हुई है, ऐसे में सुराज की चर्चा फिलहाल थम गयी है।
नक्सलगढ़ में मुख्यमंत्री सुराज अभियान के तहत सुकमा और बस्तर के एक गांव में 3 अपै्रल को पहुंचे थे। इसी दिन नकुलनार में भी उनका कार्यक्रम तय था, लेकिन विवाद और हंगामे की आशंका से कार्यक्रम दो दिन पहले ही रद्द हो गया। अब 26 को मड़से में प्रवास तय हुआ और प्रशासन ने पूरी तैयारी भी कर ली थी, लेकिन नक्सल घटना के बाद यह प्रवास भी टल गया। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि सुराज अभियान में अब मुख्यमंत्री का प्रवास 8 मई को दिल्ली बैठक के बाद ही संभव हो सकता है। दंतेवाड़ा में उनका प्रवास मड़से में ही होगा, केवल तारीख बदलेगी।
लोक सुराज अभियान को दंतेवाड़ा के सभी गांवों में काफी कामयाबी मिली है। ग्रामीणों ने 40 हजार से ज्यादा आवेदन अभियान के तहत सौंपे थे, जिनका निराकरण हो रहा है। नक्सल घटना के बाद सुरक्षा के साये में अफसर गांव में ग्रामीणों के बीच पहुंच रहे हैं। जन प्रतिनिधि भी सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर गांव में उपस्थिति दिखा रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के प्रवास बार-बार टलने से स्थानीय जन प्रतिनिधि, प्रशासन और ग्रामीणों में गहरी निराशा है। नक्सलगढ़ में सुराज लाना सुरक्षा के बीच ही संभव है। नक्सल हमले के बाद समूचे बस्तर का माहौल बदला हुआ है, ऐसे में सुराज का जिक्र भी नहीं हो रहा है। भाजपा अपने रूटिन के कार्यक्रमों के साथ बूथ स्तर तक नहीं पहुंच पा रही है, वहीं कांग्रेस की गतिविधियां भी लगभग थमी हुई है। विधायक श्रीमती देवती कर्मा जरूर पूरी ऊर्जा से ग्रामीणों के बीच पहुंच रही हैं।


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