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अवैध निर्माण कर संरक्षित स्मारक गज किला को पहुंचाया जा रहा नुकसान

पुरातात्विक नगरी रतनपुर में लगातार अवैध निर्माण कार्य को अंजाम देते प्राचीन धरोहरों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है इन अवैध निर्माण कर्ताओं के द्वारा गज किला के आसपास लगातार भवन निर्माण कार्य कराया गया

अवैध निर्माण कर संरक्षित स्मारक गज किला को पहुंचाया जा रहा नुकसान
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रतनपुर। पुरातात्विक नगरी रतनपुर में लगातार अवैध निर्माण कार्य को अंजाम देते प्राचीन धरोहरों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है इन अवैध निर्माण कर्ताओं के द्वारा गज किला के आसपास लगातार भवन निर्माण कार्य कराया जा रहा है। लेकिन दिन के उजाले में चल रहे इस काले कारनामे को रोकने जिस पुरातत्व विभाग की जिम्मेदारी है वह मौन साधे बैठा हैं जिससे इस अवैध निर्माण कर्ताओ के द्वारा निर्माण कर संरक्षित स्मारक को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

रतनपुर को शिव व शक्ति की नगरी के तौर पर जाना जाता है लेकिन यहां पर प्राचीन, एतिहासिक स्थापत्यकला की सुंदरता भी देखने को मिलती है कई महल व प्राचीन मंदिर यहां के वैभव को बढ़ाते है । सालो साल बाद भी इसकी सुंदरता लोगों को आकर्षित करती है और इसको देखने के लिए देश के अलावा विदेशों से पर्यटक आते हैं। कलचुरी राजाओं की स्थापत्यकला इसके हर एक कोने में नजर आती है पुराना बस स्टैंड के पास राष्ट्रीय राजमार्ग से लगा हुआ एतिहासिक किला हाथी अथवा गज किले के नाम से जाना जाता है। इसकी स्थिति जीर्ण शीर्ण होने की वजह से वर्तमान में पुराने स्थिति में लाने का प्रयास पुरातत्व विभाग कर रहा है इस किले का देख रेख कर इसकी सुंदरता व प्राचीनता को संजोए रखने का प्रयास कर रहा है ।

गज किले के निर्माण के विषय मे कहा जाता है लगभग 10 वी से 12 वी शदी के बीच कलचुरी राजाओं ने कराया था इसकी शिल्प व हस्तकला को देख कर इसकी प्राचीनता की जानकारी मिलती है । इस संरक्षित स्मारक के आस पास किसी भी प्रकार निर्माण कार्य में प्रतिबंध के बावजूद नगर के हृदय स्थल महामाया चौक पर एक रसूख दार व्यक्ति द्वारा भवन निर्माण कर इस प्राचीन स्मारक गज किला को नुकसान पहुंचाया जा रहा है! पुरातत्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस निर्माण को बंद कराने नोटिस देने की बात कह रहे है लेकिन यह निर्माण रसूख के दम बदस्तूर जारी है जिससे पुरातत्व विभाग के लापरवाही साफ झलकती है कि वे अपने कार्य व जिम्मेदारी के प्रति कितने सजग है।

गज किले के दायरे में निर्माण

पुरातत्व विभाग की ओर से संरक्षित रतनपुर के गज किले से 100 मीटर के दायरे में निर्माण किया जा रहा है इसे गंभीरता से लेते हुए विभाग ने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है प्राचीन संस्मारक व पुरातात्त्विक स्थल व अवशेष अधिनियम 1958 के अंतर्गत रतनपुर के गज किले को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया गया है किले के 100 मीटर तक और इसके सामने के 200 मीटर की परिधि में किसी भी प्रकार का खनन व निर्माण नही किया जा सकता है वर्तमान मे गज किले के दायरे में भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। मामले की जानकारी जिला पुरातत्व विभाग को हुई । इस पर जिला पुरातत्व अधिकारी ने निर्माण पर रोक लगाने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है इसके बावजूद भवन निर्माण कर्ता अपने रसूख के दम पर लगातार निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है ।

जुर्माना या कारावास का प्रावधान

पुरातत्व विभाग के अफसरों के अनुसार प्रतिबंधित दायरे के भीतर इमारत की कोई भी चीज नष्ट करते, चोट ग्रस्त करते या किसी प्रकार का निर्माण कार्य करते पाये जाने पर 1 लाख रुपए का जुर्माना या दो वर्ष तक कारावास या दोनों सजा देने का प्रावधान है।

राष्ट्रीय स्मारक घोषित

राजा रत्नदेव प्रथम को धार्मिक नगरी रतनपुर अत्यधिक प्रिय था उन्होने 9 वी शताब्दी में इसे राजधानी बनाया यहां उन्होंने गज किला का निर्माण कराया । इस प्राचीन किले को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया है छत्तीसगढ़ का गौरव शाली इतिहास रतनपुर सभी मंदिर व स्मारक बेहद खास है इसके चलते रतनपुर के किले व मंदिरो का छत्तीसगढ़ समेत देश में विशेष महत्व है। इस संबंध में यहां के पुरातत्व प्रेमीयो का कहना है कि यहां के प्राचीन स्मारको को लगातार नुकसान पहुंचाते हुए अवैध भवन निर्माण कार्य किया जा रहा है लेकिन इसे पुरातत्व विभाग रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है वही इस अवैध निर्माण पर रोक लगाने अब तक स्थानीय नगर पालिका के अधिकारी भी रूची नही ले रहे हैं जिससे यह साफ जाहीर होता है कि पुरातत्व विभाग और नगर पालिका के साथ साठगांठ कर इस अवैध निर्माण को अंजाम दिया जा रहा है ।

नोटिस देकर खानापूर्ति

पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के द्वारा भवन निर्माण कर्ता को सिर्फ नोटिस देकर खाना पूर्ती की जाती है नोटिस देने के बाद पुरातत्व विभाग इस भवन निर्माण कर्ता के उपर कार्रवाई करना भूल जाती है।

शिकायत पर नही हुई कार्रवाई

गज किला के दायरे में महामाया चौक पर तीन मंजिला भवन का निर्माण कार्य कराया गया जिसकी शिकायत पुरातत्व विभाग तहसीलदार एसडीएम कोटा एवं कलेक्टर को लिखीत शिकायत करने के बाद भी आज पर्यंत तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नही की गई है।

नोटिस दिया गया

भवन निर्माण कर्ताओ को हमारे द्वारा निर्माण बंद करने नोटिस दिया गया है जुडिशियल पावर हमारे पास नही है हमारे द्वारा केवल कागजी कार्रवाई की जा सकती है लाठी डंडा लेकर तो हम निर्माण कार्य बंद नहीं करा सकते।

फाईल देख कर बता पाउंगा

पता कर देखना पड़ेगा उसके बाद बता पाउंगा अभी मै दूसरा काम देख रहा हूँ ।


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