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यूक्रेन में बांध टूटने से परमाणु संयंत्र को तत्काल कोई खतरा नहीं : आईएईए

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा है कि दक्षिणी यूक्रेन में एक बांध टूटने से तत्काल कोई परमाणु सुरक्षा जोखिम नहीं है

यूक्रेन में बांध टूटने से परमाणु संयंत्र को तत्काल कोई खतरा नहीं : आईएईए
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वियना। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा है कि दक्षिणी यूक्रेन में एक बांध टूटने से तत्काल कोई परमाणु सुरक्षा जोखिम नहीं है लेकिन वह जपोरिजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के रिएक्टरों को ठंडा रखने के लिए जलापूर्ति के विकल्प तलाश रही है। आईएईए के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने मंगलवार को कहा, यूक्रेन के जपोरिजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (जेडएनपीपी) को पानी आपूर्ति करने वाले जलाशय में पानी का स्तर लगातार गिर रहा है, लेकिन संयंत्र में बैकअप के विकल्प उपलब्ध हैं और परमाणु सुरक्षा के लिए कोई अल्पकालिक जोखिम नहीं है।

ग्रॉसी ने, जिन्होंने यूक्रेन के क्षतिग्रस्त नोवा कखोवका बांध की उभरती स्थिति और जेडएनपीपी पर इसके प्रभाव पर आईएईए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को संबोधित किया, कहा कि पानी का स्तर घटने की दर सुबह पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे से बढ़कर दोपहर बाद तक नौ सेमी प्रति घंटा हो गई है।

जेडएनपीपी में मौजूद आईएईए विशेषज्ञों की टीम द्वारा प्राप्त नियमित आंकड़ों के अनुसार, स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे से रात 8 बजे के बीच जलाशय में पानी का स्तर 83 सेमी घटकर 15.44 मीटर रह गया था।

आईएईए प्रमुख ने कहा, जब भी यह स्तर 12.7 मीटर से नीचे जाता है, तो जलाशय से जेडएनपीपी साइट के लिए पानी पंप होना बंद हो जाएगा। चूंकि बांध को हुए नुकसान की पूरी जानकारी अभी नहीं है और पानी की कमी दर में उतार-चढ़ाव हो रहा है, यह भविष्यवाणी करना संभव नहीं है कि यह कब हो सकता है। यदि मौजूदा दर जारी रहती है, तो अगले कुछ दिनों में पानी का स्तर इस सीमा तक गिर जाएगा।

आईएईए के एक बयान के अनुसार, आईएईए टीम को संयंत्र द्वारा सूचित किया गया था कि उसने पानी की खपत को सीमित करने के उपायों को लागू किया है ताकि पानी का उपयोग केवल आवश्यक परमाणु-सुरक्षा संबंधी गतिविधियों जैसे कि रिएक्टरों और खर्च किए गए ईंधन पूल को ठंडा करने के लिए किया जाए।

महानिदेशक ग्रॉसी ने कहा कि यूक्रेन ने 2011 में फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना के बाद तनाव परीक्षण किया था, जिसमें नोवा कखोवका बांध के विफल होने का परि²श्य भी शामिल था।


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