दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद रोजाना घटे 3 लाख यात्री
दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद रोजाना 3 लाख यात्री घट गए हैं। डीएमआरसी ने पिछले महीने 10 अक्टूबर को किराया बढ़ाया था

नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद रोजाना 3 लाख यात्री घट गए हैं। डीएमआरसी ने पिछले महीने 10 अक्टूबर को किराया बढ़ाया था। किराया बढ़ने के बाद पांच किमी से ज्यादा का सफर तय करने वाला हर यात्री प्रभावित हुआ है। जबकि 32 किमी से ज्यादा की यात्रा के लिए अधिकतम किराया अब 60 रुपए है।
आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ। दिल्ली मेट्रो का किराया दुनिया के बड़े शहरों की मेट्रो के मुकाबले ज्यादा है। बीजिंग, न्यूयॉर्क और पेरिस जैसे शहरों की मेट्रो के किराए से तीन गुना ज्यादा किराया दिल्ली मेट्रो का है। अक्टूबर में किराए बढ़ने के बाद दिल्ली मेट्रो की महंगाई के मामले में सबसे आगे है। जो आमदनी का प्रतिशत दिल्ली मेट्रो के सफर पर खर्च किया जाता है वो 23.39 फीसदी है यानी बीजिंग, न्यूयॉर्क और पेरिस जैसे शहरों से तीन गुना ज्यादा है। दिल्ली मेट्रो के तीसरे चरण के पूरे होने पर उम्मीद है कि एक लाख कारें सड़कों पर नहीं उतरेंगी, लेकिन उसमें देरी हो रही है।
2016 दिसम्बर में इसे पूरा होना था जो अप्रैल 2018 तक टाल दिया गया है। कई जगहों पर समय से जमीन हासिल न हो पाने के कारण देरी हुई। इनमें से कई जगहों पर समय बचाने के लिए दिल्ली मेट्रो ने निर्माण रणनीति में बदलाव किया। कई बार एनसीआर में प्रदूषण के अधिक स्तर के कारण निर्माण कार्य रोकना पड़ा। जानकारों की राय में आर्थिक मदद और मेट्रो को दूसरे परिवहन से जोड़ना ही सबसे बेहतर हल है।
न्यूयॉर्क और सिंगापुर में पूरी तरह एकीकृत मेट्रो व्यवस्था है। जिसमें बच्चों, छात्रों और बुजुर्गों को छूट मिलती है। बीजिंग में शहर और कंेद्रमिल कर आर्थिक मदद करते हैं। वहीं हांगकांग में 37 फीसद तक की आमदनी किराए से नहीं बल्कि विज्ञापन जैसी दूसरी चीजों से होती है।


