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अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद डी-कंपनी के पेपर मिल में कामकाज फिर शुरू

कुख्यात डी-कंपनी के संबंधों के कारण अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित विवादास्पद मेहरान पेपर मिल ने अपना संचालन फिर से शुरू कर दिया है

अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद डी-कंपनी के पेपर मिल में कामकाज फिर शुरू
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नई दिल्ली। कुख्यात डी-कंपनी के संबंधों के कारण अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित विवादास्पद मेहरान पेपर मिल ने अपना संचालन फिर से शुरू कर दिया है।

यह पेपर मिल कराची से 154 किलोमीटर दूर कोटरी(सिंध) में स्थित है।

इस पेपर मिल का नियंत्रण डी-कंपनी के शीर्ष लेफ्टिनेंट अनीस इब्राहिम के हाथों में है, जो भारत में वांछित दाउद इब्राहिम का भाई है। मेहरान पेपर मिल का कथित रूप से पाकिस्तान सिक्युरिटी पिंट्रिंग कॉपरेशन(पीएसपीसी) के साथ सांठगांठ है, और यहां कथित तौर पर भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने के लिए नकली भारतीय मुद्रा नोट छापे जाते हैं।

सिंध सरकार का हालांकि कहना है कि मेहरान पेपर मिल को 2015 में अमेरिका के फॉरेन नारकोटिक्स किंगपिन डेजिगेनेशन एक्ट के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था। आईएएनएस ने हालांकि पता लगाया है कि मिल में काम दोबारा शुरू हो गया है।

कोटरी एसोसिएशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री(केएटीआई) के महासचिव के एक सहायक ने आईएएनएस को फोन पर बताया कि पहले यह मिल बंद थी, लेकिन अब दोबारा शुरू हो गई है।

केएटीआई के महासचिव आसिफ अली के सहायक ने फोन पर ऊर्दू में बताया कि पकिस्तान के सिंध प्रांत स्थित कोटरी के प्लॉट नंबर, एफ-11, साइट में मेहरान पेपर मिल में काम बंद हुआ था, लेकिन यहां काम फिर से शुरू हो गया है। हालांकि सहायक को मिल के बंद होने की वजह के बारे में पता नहीं था।

आश्चर्यजन रूप से, कोटरी का प्रमुख व्यपारिक निकाय केएटीआई अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर 136 सदस्यों की सूची को प्रदर्शित करता है, जिसमें मेहरान पेपर मिल भी शाामिल है, जबकि इसपर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाया गया था।

आईएएनएस ने गुल पेपर इंडस्ट्री के मालिक से भी बात की, लेकिन जब उनसे मेहरान मिल के संचालन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। गुल पेपर कोटरी के प्लॉट नंबर, पी-2, साइट में स्थित है।

अलीबाबा समेत कई व्यापारिक साइटों पर मेहरान पेपर मिल को वैश्विक व्यापार संचालन वाला एक बेहतरीन टिश्यू पेपर का विनिर्माता बताया जाता है। कई व्यापारिक साइट्स और ई-कामर्स कंपनियों ने पेपर मिल के मालिक के रूप में हाजी अनीस इब्राहिम का जिक्र कर रखा है।

भारत सरकार की रिपोर्ट और डी कंपनी के आतंकवादी संगठनों, एफआईसीएन संचालन से तार जुड़े होने के एफबीआई की रिपोर्ट के बाद, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने अनीस इब्राहिम, उसके सहयोगी मूसा बिलाखिया और मेहरान पेपर मिल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था।

16 जनवरी, 2015 के अमेरिकी ट्रेजरी के आदेश के अनुसार, "अनीब इब्राहिम नारकोटिक्स ट्रैफिकिंग, उगाही, सुपारी लेकर हत्या करना, डी-कंपनी के लिए धनशोधन में संलिप्त था। वह 1993 मुंबई विस्फोट का भी आरोपी है। पाकिस्तान के कोटरी शहर के मेहरान पेपर मिल पर कार्रवाई की गई है, जिसका स्वामित्व अनीस इब्राहिम के पास है।"


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