साइबर अपराध देश की सुरक्षा के लिए चुनौती : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साइबर अपराधों को देश की सुरक्षा के लिए एक चुनौती बताते हुए विधि विज्ञान (फोरेंसिक सायंस) विशेषज्ञों से इससे निपटने में डिजीटल इंडिया मिशन से जुड़ने का आज आहवान किया

गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साइबर अपराधों को देश की सुरक्षा के लिए एक चुनौती बताते हुए विधि विज्ञान (फोरेंसिक सायंस) विशेषज्ञों से इससे निपटने में डिजीटल इंडिया मिशन से जुड़ने का आज आहवान किया।
श्री मोदी ने ऐसे विशेषज्ञों से अन्य गंभीर अपराधों विशेष रूप से महिलाओं के दुष्कर्म और उनके खिलाफ अन्य अपराधों के अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए खुद को और अधिक ज्ञान तथा नवीनतम तकनीक से सज्ज करने का भी आहवान किया।
प्रधानमंत्री ने आज यहां विश्व के इकलौते विधि विज्ञान विश्व विद्यालय गुजरात फोरेंसिक सायंस यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहा कि अपराध पर कारगर नियंत्रण के तीन महत्वपूर्ण साधन पुलिस, न्याय प्रणाली और विधि विज्ञान है। अपराधी को अगर यह डर हो कि उसका अपराध छुप नहीं सकेगा और अदालत में साबित हो जायेगा तो वह ऐसा करने से डरेगा। अपराध को साबित करने में विधि विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका है। आधुनिक समय में जब अपराध के लिए नये तकनीक का दुरूपयोग हो रहा है तो ऐसे में विधि विज्ञान क्षेत्र में आधुनिक समय के अनुरूप नये साफ्टवेयर आदि बनाने की प्रचुर संभावना है।
उन्होंने कहा कि आज इंटरनेट की वजह से जहां जिंदगी आसान हुई है वही इसके चलते साइबर अपराध के रूप में एक नयी समस्या भी पैदा हुई है जो न केवल नागरिकों बल्कि वित्तीय संस्थाओं और सभी देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक चुनौती बनी है। सरकार ने हालांकि इससे निपटने के लिए कई कदम उठाये हैं।
उन्होंने कहा कि बदलते समय में विधि विज्ञान की भूमिका भी बढ़ती जा रही है। उन्होंने न्यायिक प्रणाली को मदद करने के लिए विधि विज्ञान विशेषज्ञों से डीएनए तकनीक का अधिकाधिक इस्तेमाल करने की भी अपील की और इस संदर्भ में केंद्र के डीएनए टेक्नाेलॉजी यूज एंड एप्लीकेशन बिल 2018 और इसके लाभों की भी चर्चा की।


