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मिक्सर मशीन में फंसने से कटा नाबालिग का हाथ

 ग्राम फुलझर निवासी नाबालिग छबि यादव का दाहिना हाथ मिक्सर मशीन में फंसने से कट गया

मिक्सर मशीन में फंसने से कटा नाबालिग का हाथ
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राजिम/छुरा। ग्राम फुलझर निवासी नाबालिग छबि यादव का दाहिना हाथ मिक्सर मशीन में फंसने से कट गया। नाबालिग की उम्र 17 साल 5 महीने है। घायल किशोर को वन विभाग ने रायपुर के निजी अस्पताल कारडा नर्सिंग होम में भर्ती करा इलाज करा रहा है।

करीब पखवाड़ेभर से आईसीयू में भर्ती नाबालिग के इलाज की पूरी जिम्मेदारी विभाग उठा रहा है। किशोर की देखरेख के लिए बाकायदा मौके पर जिम्मेदार कर्मचारी को जवाबदारी भी सौंपी गई है। किशोर के पिता दुकलहा यादव की कैंसर से मौत होने के बाद मां लखनी बाई यादव पर 3 बेटे व एक बेटी की जिम्मेदारी है।

परिवार के सामने बेटे का हाथ कटने से मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है। हादसे की खबर सुन मां बेहोश होकर गिर गई और बेटे का इंतजार करती रही। लेकिन अफसर मां को बेटे से मिलने नहीं दिए। फुलझर के प्राथमिक शाला में दाखिल-खारिज रजिस्टर को देखने के बाद स्कूल प्रबंधन ने छबी यादव की जन्म तारीख 13 जनवरी 2001 बताई है।

किशोर ने शाला में 16 जून 2007 में पहली में प्रवेश लेकर 30 अप्रैल 2012 तक 5वीं की पढ़ाई कर शाला छोड़ दिया था। शैक्षणिक संस्थान में दर्ज बालक की जन्म तिथि के आधार पर वन विभाग के निर्माण काम में लगे किशोर की उम्र आज दिनांक तक 17 वर्ष 5 महीना है, जो नाबालिग की श्रेणी में है।

एसडीएम करेंगे जांच : कलेक्टर श्याम धावड़े को घटना की जानकारी देने पर उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया है। कलेक्टर ने एसडीएम से जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कही है

वन मंडलाधिकारी ने कहा-नाबालिग से नहीं लिया काम : घटना के संबंध में वन मंडलाधिकारी राजेश पाण्डेय ने कहा कि तटबंध निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार से नियम विरुद्ध बाल श्रमिकों से काम नहीं लिया गया।

मौके पर स्वयं समय-समय पर जाकर निरीक्षण करता हूं। वर्तमान में जो घटना घटी है, वह मेरी जानकारी में है। छबि बाल श्रमिक के दायरे में नहीं आता है। उसका इलाज विभाग के निगरानी में कराया जा रहा है।

श्रम अधिकारी बोले-नियमों के तहत होगी कार्रवाई : श्रम विभाग के प्रभारी अधिकारी अधिकारी देवेंद्र पात्र ने मामले को संज्ञान में लाए जाने पर कहा कि मौका स्थल पर जाकर जांच के बाद बाल श्रम एवं किशोर अधिनियम के तहत नाबालिग से श्रम करवाने को लेकर अनावेदक के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इसके तहत 20 से 50 हजार राशि अधिकतम जुर्माना और 3 से 6 महीने की सजा का भी प्रावधान है।


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