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सी यू तीन साल में नहीं कर सकी भर्तियां

बिलासपुर विश्वविद्यालय  6 साल में नियमित पदों पर कर्मचारियों की भर्ती तक नहीं कर सका। रिक्त पदों के अनुसार भर्ती की अनुमति दे दी गई है। विश्वविद्यालय में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों से कराया जा रहा है

सी यू तीन साल में नहीं कर सकी भर्तियां
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वर्ष 2015 में 53 पदों पर भर्ती की मिली थी अनुमति

बिलासपुर। बिलासपुर विश्वविद्यालय 6 साल में नियमित पदों पर कर्मचारियों की भर्ती तक नहीं कर सका। रिक्त पदों के अनुसार भर्ती की अनुमति दे दी गई है। विश्वविद्यालय में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों से कराया जा रहा है। विश्वविद्यालय 6 साल पहले जब खुला था तो तीन साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारी और प्रोफेसर गुरू घासीदास विश्वविद्यालय से मिले थे।

गुरू घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय अपने कर्मचारियों और प्रोफेसर को वापस बुला लिया। उसके बाद से बिलासपुर विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की और प्रोफेसरों की कमी के कारण कामकाज प्रभावित हो रहा है। छात्रों को विश्वविद्यालय में काम कराने में काफी दिक्कतें आती है। विश्वविद्यालय में दर्जनों विभाग में काम चलते हैं। सभी विभागों में कर्मचारियों पर तीन विभागों में कर्मचारियों पर तीन-तीन विभागों का प्रभार मिला हुआ है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने शासन को 53 कर्मचारियों के लिए अनुमति मांगी थी। सन् 2014-15 में शासन ने विश्वविद्यालय को भर्ती के लिए मंजूरी दे दी थी। विश्वविद्यालय का गोपनीय कामकाज भी दैनिक वेतनभागी कर्मचारियों से कराया जा रहा है। छात्रों को विश्वविद्यालय में काम करने में काफी परेशानी आ रही है। क्योंकि छात्र काफी दूर से विश्वविद्यालय पहुंचते हैं। काउंटर में कर्मचारी नहीं होने से छात्रों को इंतजार करते सुबह से शाम हो जाती है।

कर्मचारी भी काउंटर छोड़कर दूसरे टेबल का काम निपटाने में लगे रहते हैं। विश्वविद्यालय में कर्मचारी को टेबल टू टेबल काम हर दिन निपटाना पड़ता है जिसके कारण छात्रों का काम नहीं हो पता है।


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