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सीटीयू हड़ताल: रेल संचालन अवरुद्ध आम जनजीवन पर असर

पश्चिम बंगाल में केंद्रीय व्यापार संघों (सीटीयू) द्वारा आहूत दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल आज शुरू हो गई

सीटीयू हड़ताल: रेल संचालन अवरुद्ध आम जनजीवन पर असर
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में केंद्रीय व्यापार संघों (सीटीयू) द्वारा आहूत दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल आज शुरू हो गई। कई रेलवे स्टेशनों पर रेल संचालन अवरुद्ध होने और छिटपुट घटनाओं के साथ आम जनजीवन पर आंशिक रूप से हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है।

पूर्वी रेलवे के हावड़ा और सियालदह डिवीजन और दक्षिण पूर्व रेलवे दोनों में ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं।

हड़ताल समर्थकों ने दक्षिण 24 परगना के उपनगरों, जिले के लखीकांतपुर, कैनिंग, उत्तर 24 परगना के मध्यग्राम, हसनाबाद और बारासात में रेल संचालन रोकने की कोशिश की और उनकी पुलिस से झड़प हुई।

प्रदर्शनकारियों ने हुगली के रिशरा, उत्तरपारा, पूर्वी बर्धमान के समुद्रगढ़, बीरभूम के रामपुरहाट, पश्चिम बर्धमान के दुगार्पुर में पूर्व रेलवे के हावड़ा मंडल में और दक्षिण पूर्व रेलवे के उलुबेरिया में ट्रेन संचालन को बाधित किया।

व्यापार संघ ने "भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार की राष्ट्र-विरोधी, और जन-विरोधी नीतियों" के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया है।

कोलकाता में हालांकि, कई सार्वजनिक और निजी बसें सड़कों पर दौड़ती दिखाई दीं, लेकिन हड़ताल समर्थकों, जिन्होंने कई बसों और ट्रकों में तोड़फोड़ की, उन्होंने जादवपुर, शोभाबाजार और सियालदाह क्षेत्र में रैलियां निकालीं।

टैक्सी और ऑटो सड़कों से नदारद नजर आए और थोक दुकानें बंद हैं।

राज्य मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि सरकार सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं को बनाए रखने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।

राज्य सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि हड़ताल के दिनों में कार्यालय खुले रहेंगे और कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी। इसमें स्कूलों और कॉलेजों सहित बैंकों, शिक्षण संस्थानों को खुला रखने का भी आग्रह किया गया।

हड़ताल के सिलसिले में किसी भी व्यवधान या हिंसा को रोकने के लिए पूरे राज्य में अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।


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