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कैसे होती है ब्रिटेन में ताजपोशी

वैसे तो महारानी एलिजाबेथ के निधन के साथ चार्ल्स स्वतः ही महाराजा बन गए, लेकिन उनकी ताजपोशी में अभी वक्त लगेगा.

कैसे होती है ब्रिटेन में ताजपोशी
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ताजपोशी एक बेहद प्रतीकात्मक समारोह है और इसका आयोजन करने में वक्त लगता है. इसके तहत जो रीति रिवाज होते हैं वो सैकड़ों साल पुराने हैं. खुद एलिजाबेथ की ताजपोशी उनके महारानी बनने के एक साल से भी ज्यादा समय बाद हुई थी.

सबसे पहले एक्सेशन काउंसिल नाम के परिषद् की सेंट जेम्स महल में तुरंत बैठक होगी जिसमें आधिकारिक रूप से उत्तराधिकारी को गद्दी सौंपने की घोषणा की जाएगी.

इस बैठक में महाराज या महारानी द्वारा वहां जुटे "लॉर्ड्स स्पिरिचुअल और टेम्पोरल ऑफ दिस रेल्म" के प्रति एक पवित्र शपथ ली जाती है और चर्च ऑफ स्कॉटलैंड के संरक्षण का वादा किया जाता है.

वेस्टमिंस्टर ऐबी में होती है ताजपोशी

एलिजाबेथ के निधन का शोक 10 दिनों तक मनाया जाएगा. इस दौरान उनके ताबूत को बालमोरल कैसल में रखा जाएगा ताकि वहां के कर्मचारी उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें. फिर ताबूत को एडिनबरा ले जाया जाएगा जहां उसे हॉलीरुडहाउस महल के सिंहासन वाले कमरे में रखा जाएगा.

फिर उसे शाही ट्रेन में लंदन लाया जाएगा. महारानी का अंतिम संस्कार वेस्टमिंस्टर ऐबी में होगा. 1760 के बाद यह पहली बार होगा जब ब्रिटेन के राजा या रानी का अंतिम संस्कार वहां होगा.

ताजपोशी भी वेस्टमिंस्टर ऐबी में ही होती है और उसे कराते हैं एंग्लिकन चर्च के धार्मिक नेता कैंटरबरी के आर्चबिशप. आर्कबिशप नए राजा या रानी का सबसे परिचय कराते हैं, सभी लोग उनका अभिनंदन करते हैं और फिर ताजपोशी की शपथ ली जाती है.

1688 में लिखी गई इस शपथ में राजा दृढ़तापूर्वक प्रतिज्ञा करते हैं कि वो ब्रिटेन की संसद द्वारा पारित किए गए कानूनों के हिसाब से सुशासन करेंगे, उदारता के साथ कानून और न्याय का पालन सुनिश्चित कराएंगे और एंग्लिकन चर्च और प्रोटेस्टेंट धर्म के संरक्षण के "जो भी संभव हो वो करेंगे."

(पढ़ें: भारत के लिए कई अनसुलझे सवाल पीछे छोड़ गईं महारानी एलिजाबेथ)

सन 1300 का सिंहासन

उसके बाद आर्कबिशप पवित्र तेल से राजा का अभिषेक करते हैं और उन्हें महाराज एडवर्ड के सिंहासन पर बिठा कर आशीर्वाद देते हैं. सन 1300 में बने इस सिंहासन का 1626 के बाद से हर ताजपोशी में इस्तेमाल हुआ है.

इसके बाद राजा को शाही आभूषण, राजदंड और राजमुकुट दिया जाता है. राजमुकुट को आर्कबिशप ही पहनाते हैं. अगर नया शासक एक पुरुष हो, जैसा की अब है, तो इससे थोड़े सरल एक और समारोह में उसकी पत्नी को महारानी घोषित किया जाता है और ताज पहनाया जाता है.

राजा के देहांत के बाद उन्हें राजमाता का दर्जा मिलेगा. राजा का उत्तराधिकारी उनकी पहली संतान ही होगी, चाहे वो लड़का हो या लड़की. चार्ल्स की पत्नी कैमिला को क्या कहा जाएगा इसका फैसला एलिजाबेथ ने पहले ही कर दिया था.

माना जा रहा था कि उन्हें "प्रिंसेस कंसॉर्ट" कहा जाएगा क्योंकि वो चार्ल्स की पत्नी नहीं हैं. ऐसा इसलिए भी माना जा रहा था क्योंकि इससे चार्ल्स की पहली पत्नी डायना को सम्मान मिलेगा, जो 1997 में एक सड़क हादसे में मारी गई थीं. लेकिन एलिजाबेथ ने घोषणा की कि कैमिला को "क्वीन कंसॉर्ट" ही कहा जाएगा.

सोने, चांदी, मानिक, नीलम का ताज

ब्रिटेन में ताजपोशी समारोहों में आज भी शाही वस्त्रों, राजदंड, तलवारों आदि का इस्तेमाल होता है. पारंपरिक रूप से समारोह में 1661 में चार्ल्स द्वितीय के लिए बनाए गए सेंट एडवर्ड के ताज का प्रयोग होता है.

सोने, चांदी, मानिक और नीलम से बने इस ताज का वजन दो किलो से भी ज्यादा है. इसे ठीक ताजपोशी के समय ही राजा के सिर पर रखा जाता है. ऐबी को छोड़ते समय एक हल्का ताज पहन लिया जाता है. 2,868 हीरों से बने इस ताज को 1937 में जॉर्ज षष्ठम की ताजपोशी के लिए बनवाया गया था. संसद की सालाना शुरुआत के समय भी राजा यही ताज पहनते हैं.

1953 में एलिजाबेथ की ताजपोशी में 181 देशों से 8,251 अतिथियों ने हिस्सा लिया था. उनमें कई दूसरे देशों के राजा भी थे, लेकिन शाही परंपरा के इज्जत करते हुए यूरोप के किसी भी राजा या रानी ने हिस्सा नहीं लिया था.

ताजपोशी के समारोह के बाद लंदन की सड़कों पर एक लंबी यात्रा निकाली जाती है. ऐबी से बकिंघम महल सिर्फ 1.6 किलोमीटर दूर है, लेकिन 1953 इस यात्रा को 7.2 किलोमीटर लंबा कर दिया गया था ताकि अधिकतम लोग इसमें हिस्सा ले सकें.


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