कूड़ा छानने पर करोड़ों का खर्चा
नगर निगम बेशक डंपिंग ग्राऊंड नहीं बना पाया हो लेकिन मण्डलायुक्त के आदेश पर कूड़े के निस्तारण का काम शुरू हो गया है

गाजियाबाद। नगर निगम बेशक डंपिंग ग्राऊंड नहीं बना पाया हो लेकिन मण्डलायुक्त के आदेश पर कूड़े के निस्तारण का काम शुरू हो गया है। खास बात यह है कि प्रतिदिन कूड़े के निस्तारण पर मोटी रकम का बोझ नगर निगम पर आ गया है।
इतना ही नहीं एक महीने में हूए कूड़े के निस्तारण पर किए गए खर्चे का सी एंड डी विंग ने तकादा भी कर दिया है। परियोजना प्रबंधक गोपाल सिंह द्वारा नगरायुक्त को भेजे गए पत्र पर गौर करें तो एक महीने में खर्च हुए 26 लाख दस हजार रूपए की मांग की गई हैं यही नही पत्र में नए बजट की स्वीकृृति का भी अनुरोध किया गया है।
दरअसल मण्डलायुक्त के आदेश पर प्रतापविहार में कूड़े के निस्तारण का काम 27 सितम्बर से चालू हो गया। इसके तहत सोलिड वेस्ट के अस्थाई ट्रीटमेन्ट एवं डिस्पोजल का काम किया जा रहा है। प्रताप विहार स्थित प्लॉट में प्रतिदिन कूड़े की प्रोसेसिंग का काम हो रहा है। इसमें विन्ड्रो पैड बनाना।हर्बल सेनेटाइजर छिड़कना। इसके अलावा दवा डालकर कूड़े की टर्निंग का काम शामिल है। कूड़े की छनाई भी शुरू कर दी गई है। 23 अक्टूबर को नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने निरीक्षण भी किया। पत्र में परियोजना प्रबंधक ने अवगत कराया है कि नगर निगम द्वारा नामित कर्मचारियों की देखरेख में प्लॉट को सुचारू रूप से चलाया जा रहा है।
पत्र में बताया गया है कि एक माह में नौ हजार टन कूड़े की प्रोसेसिंग की गई है। 290 रूपए प्रतिटन के हिसाब से कुल 26 लाख दस हजार रूपए अब तक व्यय हुए है। काम जारी रखे जाने के लिए विंग के अफसरों ने नगर निगम से पैसे मांगे है। साथ ही आगे भी काम जारी रखे जाने की सूरत में नए आंगणन की लागत की मंजूरी देने का अनुरोध भी किया है।
पहले सालाना लागत 454.65 लाख थी जो अब जीएसटी के साथ 474.50 लाख हो गई है। इस काम का संचालन सी एण्ड डी एस यूपी जल निगम नोएडा की विंग-2 द्वारा किया जा रहा है।


