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मेट्रो स्टेशन के नीचे बन रही पार्किंग में करोड़ों का खेल, जांच के आदेश

बोटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन के नीचे पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है

मेट्रो स्टेशन के नीचे बन रही पार्किंग में करोड़ों का खेल, जांच के आदेश
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नोएडा। बोटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन के नीचे पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए की गई खुदाई में घोटाले की बू आ रही है। दरअसल, एक शिकायत कर्ता ने प्राधिकरण पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से शिकायत कि यहा खुदाई के दौरान अवैध खनन कर करोड़ों रुपए के घोटाला किया गया। इसके लिए एक खन्ना पर कई गाड़ियों द्वारा बालू घन मीटर खुदान कर काफी मात्रा में खनन किया गया। मामले को संज्ञान में लेने के बाद अपर जिला अधिकारी ने प्राधिकरण अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी से मामले की पूरी जांच करने को कहा है।

साथ ही अवैध खननकर्ता के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। सेक्टर-37 बोटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन इंटरचेंज का काम करेगा। प्राधिकरण द्वारा मल्टीलेवल कार पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए बेसमेंट की खुदाई का काम स्वर्णिम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रालि. द्वारा किया जा रहा है। यहा खुदाई में अनिमितता बरती गई साथ ही करोड़ों के राजस्व की चपत लगाई गई।

शिकायतकर्ता ने प्राधिकरण से प्रश्न किया कि इस कार्य के लिए खनन विभाग द्वारा कितने घन मीटर के खन्ने जारी किए नोएडा प्राधिकरण ने कितने घनमीटर के हिसाब से पेमेंट की। आरोपो का सिलसिला यही नहीं थमा शिकायत पत्र में यह भी लिखा कि उक्त कार्य में 10 हजार की एक ट्रक रेत बेचकर एक हजार रुपए कि मिट्टी बाहर से खरीदी। यह मिट्टी प्राधिकरण को दी गई। ऐसे में कई सौ ट्रक से अवैध रूप से बालू का खनन किया गया।

इससे सरकारी राजस्व को भारी भरकम नुकसान उठाना पड़ रहा है। लिहाजा मामले की पूर्ण जांच की जाए। शिकायत की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन द्वारा उप जिला अधिकारी दादरी, खनन निरिक्षक के अलावा नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी को नोटिस जारी कर मामले में पूरी जांच करने के लिए कहा है। साथ ही खुदाई के लिए किन मानको को पालन किया इसकी जानकारी भी मांगी है। जांच में यदि पैमाइश करते हुए अवैध खननकर्ता के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जाए।

एक सप्ताह में देनी होगी रिपोर्ट

मामले में संबंधित अधिकारियो को एक सप्ताह में इसकी जांच कर पूरी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपनी होगी। ऐसा नहीं करने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ पर एक्शन लिया जा सकता है। यदि ऐसा है तो प्राधिकरण के कई और परियोजनाओं में संदिग्धता नजर आ रही है। लिहाजा इस मामले को लेकर जिला प्रशासन काफी सख्त है।


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