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मछली के लिए फेंके जाल में फंसा मगरमच्छ

गांव के तालाब में मछली पकड़ने गये ग्रामीण उस समय हतप्रभ रह गये जब मछली पकड़ने फेंके गये जाल में मछली की जगह मगरमच्छ को फंसा देखा।

मछली के लिए फेंके जाल में फंसा मगरमच्छ
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खरसिया। गांव के तालाब में मछली पकड़ने गये ग्रामीण उस समय हतप्रभ रह गये जब मछली पकड़ने फेंके गये जाल में मछली की जगह मगरमच्छ को फंसा देखा। गांव वालों ने हिम्मत करके मगरमच्छ को बाहर निकाला जिसे बाद में वन विभाग के हवाले कर दिया गया। यह वाक्या खरसिया विकासखण्ड के ग्राम चपले का है। इस दौरान गांव वालों की भारी भीड़ वहां जमा हो गयी थी।

ज्ञात हो कि खरसिया विकासखण्ड के माण्ड नहर किनारे बसे गांवों में साल भर से ग्रामीण मगरमच्छ निकलने की शिकायत लगातार वन विभाग से कर रहे थे लेकिन उसके बावजूद वन विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की ठोस पहल नही किया गया था। इस कारण ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति आक्रोश व मगरमच्छ का लगातार भय बना हुआ था। 19 मार्च की सुबह ग्रामीणों की बात तब सच साबित हो गयी जब चपले के नीचे बस्ती तालाब में ग्रामीण मछली पकड़ने डाले गये जाल में मगरमच्छ को फंसा देखा।

ग्रामीणों ने हिम्मत करके जाल में मगरमच्छ को फंसा कर तालाब से बाहर निकालकर वन विभाग को सौंप दिया है। माण्ड नहर किनारे बसे बडे डूमरपाली, चपले, पण्ड्रीपानी सहित आसपास के क्षेत्रों में साल भर से मगरमच्छ निकालने की शिकायत ग्रामीणों द्वारा की जा चुकी है लेकिन वन विभाग द्वारा ग्रामीणों की बात को झूठा ठहरा रहे थे और ना ही वन विभाग द्वारा ठोस पहल करना जरूरी नही समझा गया।

19 मार्च को स्वयं ग्रामीणों ने हिम्मत कर मगरमच्छ को निकाल लिए दो 3 से 4 फिट लम्बी है। अब सवाल यह है कि ग्रामीणों द्वारा निकाला गया मगरमच्छ छोटा है तो बड़ी मगरमच्छ को भी ग्रामीण अपनी जान को जोखिम में डाल कर निकाले या वन विभाग सिर्फ किसी अनहोनी होने का इन्तजार करेगी।


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