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आलोचना और असहमति लोकतंत्र के मूलतत्व : नायडू
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि आलोचना और असहमति लोकतंत्र के मूलतत्व हैं लेकिन यह उद्देश्यपूर्ण और गरिमापूर्ण होना चाहिए

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि आलोचना और असहमति लोकतंत्र के मूलतत्व हैं लेकिन यह उद्देश्यपूर्ण और गरिमापूर्ण होना चाहिए।
श्री नायडू ने ‘लोकमत नेशनल ऐन्क्लेव’ में अपने संबोधन में कहा, “अपनी बात रखते हुए शोर नहीं मचाना चाहिए। हम बहुत आलोचनात्मक हो सकते हैं लेकिन यह उद्देश्यपूर्ण और गरिमापूर्ण होना चाहिए क्योंकि हम एक दूसरे के दुश्मन नहीं है।”
उपराष्ट्रपति ने इस दौरान लोकमत संसदीय पुरस्कार वितरित किए। लोकमत मीडिया ग्रुप सर्वक्षेष्ठ सांसदों को लोकमत संसदीय पुरस्कार देता है।
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