बिहार में अपराधियों का बनेगा 'डेटा'
बिहार में अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस अब नई शुरुआत करने जा रही है। पुलिस गांव-गांव के अपराधियों की कुंडली खंगाल कर उनका डेटा तैयार करेगी

पटना। बिहार में अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस अब नई शुरुआत करने जा रही है। पुलिस गांव-गांव के अपराधियों की कुंडली खंगाल कर उनका डेटा तैयार करेगी। इसके तहत जमानत पर बाहर आए अपराघियों पर निगरानी रखने के लिए पुलिस कानूनी पहल भी करेगी।
बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया, "पुलिस अब जमानत पर जेल से निकलकर अपराध करने वालों की कुंडली खंगालेगी। अहम बात यह है कि आदतन अपराधियों के पनाहगारों, जमानतदारों पर भी पुलिस अब नजर रखेगी। राज्य के प्रत्येक गांव के अपराधियों पर निगरानी के लिए डेटा तैयार करने का निर्देश दिया गया है।"
निर्देश में हर थाने को गांव के अपराधियों का डेटा तैयार करने की बात कही गई है। डेटा में नाम, पता, फोटो और अपराध की जानकारी होगी। प्रत्येक थाना स्तर पर अपराधियों के एलबम बनाए जाएंगे, ताकि भविष्य में अपराध होने पर अपराधियों की पहचान हो सके। ऐसा करने से जमानत पर बाहर निकले अपराधियों की भी निगरानी रखी जा सकेगी।
सूत्रों के मुताबिक, आठ तरह के अपराधों में शामिल बदमाशों को इस डेटा में रखा जाएगा। इसमें चोरी, गृह भेदन, लूट, डकैती, शराबी, शराब के धंधेबाज, पेशेवर हत्यारा और फिरौती के लिए अपहरण के अपराधों में संलिप्त अपराधियों को शामिल किया जाएगा।
इस बीच, पुलिस मुख्यालय ने हथियार के तमाम लाइसेंस की भी जांच के आदेश दिए हैं और यह भी बताया है कि घर का कोई भी सदस्य अपराधी होगा तब भी लाइसेंस रद्द कराने की कार्रवाई होगी।
इसके लिए बाकायदा जिलों में पुलिस अधिकारियों की टीम बनाई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में आए दिन हो रही आपराधिक घटनाओं को लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है।


