दलित चिन्तकों व सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफतार करना अघोषित आपातकाल - माकपा
मार्क्सवादी की लखनऊ जिला कमेटी के सचिव, प्रदीप शर्मा ने कहा है कि प्रेस क्लब में घुस कर पत्रकारवार्ता से राजनैतिक नेताओं, दलित चिन्तकों व समाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफतार करना अघोषित आपातकाल है

लखनऊ। 03.07.2017 भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की लखनऊ की जिला कमेटी के सचिव, प्रदीप शर्मा ने कहा है कि प्रेस क्लब में घुस कर पत्रकारवार्ता से राजनैतिक नेताओं, दलित चिन्तकों व समाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफतार करना अघोषित आपातकाल है। अभिव्यक्ति की स्वत्रंता पर हम लोगों का हर स्तर पर विरोध करना होगा।
उन्होंने बताया कि आज दोपहर लखनऊ प्रेस क्लब में पत्रकारवार्ता कर रहे प्रख्यात दलित कार्यकर्ता व पूर्व आइ.पी.एस. श्री एस. आर. दारापूरी, नेशलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रो0 रमेश दीक्षित, पी.यू.सी.एल. नेता आषीष अवस्थी, दलित चिन्तक राम कुमार, पी.एस.कुरील, के.के. वत्स, को पुलिस ने धारा 151 सी.पी.सी. के तहत गिरफतार कर लिया और उन्हें पुलिस लाईन ले गये। देर शाम उन लोगों मुचलके पर रिहा कर दिया गया। यह पत्रकारवार्ता गुजरात से उत्तर प्रदेश आ रहे दलित कार्यकर्ताओं को झांसी में गिरफ्तार किये जाने के खिलाफ की जा रही थी।
मा.क.पा. लखनऊ जिला कमेटी ने लखनऊ शहर के सभी अमन और इंसाफ पसन्द नागरिकों से एक साथ आ कर इस अघोषित अपातकाल व तानाशाही का मुकाबला करने की अपील की है।
पार्टीने कहा है कि इस तरीके की कार्यवाही लोकतन्त्र के मुंह पर कालिख है और यह हमला राजनैतिक आजादी का उलंघन है। केन्द्र व प्रदेश की भा.जा.पा. सरकार सत्ता के मद में इतनी चूर हैं कि उन्हें न लोगों के लोकतान्त्रिक अधिकार दिख रहे हैं और न आजादी की अवधारणा। मजदूरों किसानों, महिलाओं, छात्रों, अल्पसंख्यकों, दलितों, बुद्धिजीवियों सभी को निशाना बनाया जा रहा है इनकी कोशिश है कि कोई विरोध का स्वर उठने न पाये। जोकि भारतीय संविधान का भी उल्लंघन है।
प्रदीप शर्मा ने आगे कहा कि दमन से विरोध के स्वर को दबाया नहीं जा सकता इसका ताजा प्रमाण लखनऊ विष्वविद्यालय में छात्रों का आन्दोलन है। लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वत्रंता की रक्षा के लिए जनता हर स्तर पर लड़ाई लड़े।


