नौ अक्टूबर को देशभर में माकपा का धरना-प्रदर्शन
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा)ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की केरल में यात्रा का कड़ा जवाब देने के लिए नौ अक्टूबर को देशभर में धरना-प्रदर्शन करने का फैसला किया है

नयी दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की केरल में यात्रा का कड़ा जवाब देने के लिए नौ अक्टूबर को देशभर में धरना-प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आज यहां पार्टी मुख्यालय पर भाजपा-संघ की केरल यात्रा का तीखा विरोध करते हुए कहा कि केरल में वाम लोकतान्त्रिक मोर्चे की जीत के दिन से ही भाजपा संघ ने हिंसा की शुरुवात की और आज भी उनकी हिंसा जारी है।
उनकी यह कार्रवाई उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है।
उन्होंने कहा कि चुनाव में हार की कुंठा से भाजपा ने वहां माकपा कार्यकर्तार्ओं पर हमले करने शुरू कर दिए लेकिन हम उसका विरोध जनवादी तरीके से करेंगे और नौ तारीख को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेंगे।
गौरतलब है कि गोल मार्केट स्थित माकपा मुख्यालय पर धावा बोलने के लिए आज दोपहर बारह बजे भाजपा और संघ के 300-400 कार्यकर्त्ता पहुँच गए लेकिन पुलिस ने उन्हें रस्ते में ही रोक लिया और उनकी योजना को विफल कर दिया।
श्री येचुरी ने कहा कि भाजपा-संघ परिवार की शुरू से ही यही चाल और तरकीब रही है कि समाज में धार्मिक वैमनष्य फैलाये और दंगे करा कर ध्रुवीकरण करा दी।
केरल में भी वह यही करना चाहती है और इसलिए भाजपा अमित शाह ने यह यात्रा शुरू की है लेकिन जनता उनकी इस चाल को समझने लगी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा और संघ ने पहले बंगाल में यह सब किया और अब वह केरल में भी यही कर रही है। उन्होंने कहा कि संघ के लोगों के घर से बम और हथियार बरामद किये जा रहे हैं।
श्री शाह की यात्रा के दौरान भी संघ के लोगों ने अस्पताल टेलीफ़ोन एक्सचेंज एटीएम पर हमले किए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल हो गयी है और उसने देश को संकट में ला दिया है।
नोटबंदी और जीएसटी से लोग ही नहीं छोटे व्यापारी भी परेशान हो गए हैं। जनता इन दोनों की हकीकत समझने लगी है।
विनिर्माण क्षेत्र में लगातार गिरावट आ रही है। विनिर्माण क्षेत्र में पिछले 25 साल में इतनी गिरावट नहीं देखी गयी।
माकपा महासचिव ने कहा कि मोदी सरकार बेरोजगारी, महंगाई तो दूर नहीं कर पा रही और भाजपा इस तरह की हिंसात्मक गतिविधियों को बढ़ावा दे रही हैं।
केरल में हिंसा के बारे में जारी माकपा के आंकड़ों के अनुसार 2000 से लेकर 2017 तक माकपा के 85 और संघ के 65 कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं।


