भाकपा माले ने बिहार की पांच लोकसभा सीटों पर दावा दोहराया
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर जारी खींचतान के बीच आज फिर बिहार की पांच सीटों पर अपना दावा दोहराया

पटना। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर जारी खींचतान के बीच आज फिर बिहार की पांच सीटों पर अपना दावा दोहराया।
भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने रविवार को यहां कहा कि उनकी पार्टी बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में इंडिया गठबंधन के घटकों के बीच सम्मानजनक और सौहार्दपूर्ण सीट बंटवारे के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बेहतर नतीजे तभी हासिल किए जा सकते हैं जब सीटों का बंटवारा समय पर सौहार्दपूर्ण ढंग से हो जाए।
श्री कुणाल ने कहा, "हमने पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को पांच सीटों की सूची सौंपी थी। ये वैसी सीटें हैं, जहां मजबूत आधार वाली हमारी पार्टी चुनाव लड़ने की अच्छी स्थिति में है।" उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं ने अपना दावा दोहराने के लिए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि जिन पांच सीटों पर पार्टी ने चुनाव लड़ने का फैसला किया है उनमें आरा, सीवान, काराकाट, जहानाबाद और पाटलिपुत्र शामिल हैं।
गौरतलब है की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने पहले ही साफ कर दिया है कि बिहार में उसकी मौजूदा 16 लोकसभा सीटों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। कांग्रेस ने 11 सीटों पर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने दो-दो सीटों पर दावा किया है। वहीं, राजद ने यह सार्वजनिक नहीं किया है कि वह कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है। यह स्पष्ट है कि राजद कम से कम जद (यू) के बराबर सीटों पर चुनाव लड़ना चाहेगा, जिससे आंकड़ा 16 बैठता है।
इंडिया गठबंधन के घटकों के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद अभी तक सीटों बंटवारे के मुद्दे पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही सीट बंटवारे में देरी पर नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं।


