माकपा ने मोहन भागवत के गो हत्या बयान पर विरोध किया
मोहन भागवत के राष्ट्रव्यापी गो हत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग का कड़ा विरोध किया है जबकि विपक्षी दल कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने इसे नागरिकों का अपमान करार दिया है
अगरतला। त्रिपुरा में सत्तारुढ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के राष्ट्रव्यापी गो हत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग का कड़ा विरोध किया है जबकि विपक्षी दल कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने इसे नागरिकों का अपमान करार दिया है।
माकपा के वरिष्ठ नेता तथा त्रिपुरा विधानसभा के उपाध्यक्ष पवित्र कार ने कहा कि भारत में ऐसा कानून नहीं लाया जा सकता है जो देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के विपरीत हो। कार ने कहा कि जानवरों के खिलाफ क्रूरता भारत में पहले से ही अवैध है लेकिन विशेष रूप से गो हत्या रोकने के लिए कानून गैर हिंदुओं की भावना को आहत करेगा। कोई सरकार किसी भी समुदाय के खानपान विकल्प पर हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। वहीं त्रिपुरा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आलोक भट्टाचार्जी ने कहा कि देश में पुशओं के बलिदान को प्रतिबंधित कर देना चाहिए।
यह सिर्फ गाय और बकरे के लिए नहीं। खाने के लिए मनुष्य द्वारा जानवरों को मारना किसी भी सभ्य समाज के लिए सही नहीं है। तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आशीष साहा ने श्री भागवत के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को ऐसे विवादों से बचना चाहिए क्योंकि इससे लोगों में गलतफहमी पैदा होगी।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बिराजित सिन्हा ने भी श्री भागवत के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि मोदी सरकार आरएसएस तथा कट्टरपंथी हिन्दुओं से संचालित हो रही है जो भारतीय संदर्भ में स्वीकार्य नहीं है।


