केंद्र और राज्य के बीच हो रहे संघर्ष को लेकर सीपीआई ने जताई चिंता
केंद्र और राज्यों के बीच संघर्ष के बढ़ते मामलों पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने चिंता व्यक्त की है

लखनऊ। केंद्र और राज्यों के बीच संघर्ष के बढ़ते मामलों पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने चिंता व्यक्त की है। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने कहा कि संघर्ष से देश में संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है।
यहां आईएएनएस से बात करते हुए अंजान ने कहा, "संविधान स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार और राज्यों के बीच संबंधों को परिभाषित करता है। पिछले 70 सालों में कई मौके आए हैं जब केंद्र और राज्यों के बीच हितों को लेकर टकराव हुआ है, लेकिन केंद्र ने राज्यों के अधिकार क्षेत्र के तहत समवर्ती सूची में कभी हस्तक्षेप नहीं किया। हालांकि, मौजूदा सरकार के सात साल के शासन में इस नियम का उल्लंघन हो रहा है।"
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन केंद्र ने उनकी सेवाएं तीन महीने बढ़ा दी हैं और उन्हें प्रतिनियुक्ति पर केंद्र आने को कहा है।
उन्होंने कहा, अगर केंद्र राज्यों को कमजोर करने के अपने अधिकारों का हनन करता है, तो इसे संघीय ढांचे पर हमला माना जाएगा।


