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हरियाणा में अस्पताल को कोरोना हॉटस्पॉट बनने से रोकने के लिए कोविड ब्लॉक होंगे अलग

अस्पताल किसी भी प्रकार से कोरोना वायरस संक्रमण के हॉटस्पॉट न बनें, इसके लिए हरियाणा में कोविड अस्पतालों और अस्पताल परिसर में कोविड ब्लॉकों को अलग किया जा रहा है

हरियाणा में अस्पताल को कोरोना हॉटस्पॉट बनने से रोकने के लिए कोविड ब्लॉक होंगे अलग
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नई दिल्ली। अस्पताल किसी भी प्रकार से कोरोना वायरस संक्रमण के हॉटस्पॉट न बनें, इसके लिए हरियाणा में कोविड अस्पतालों और अस्पताल परिसर में कोविड ब्लॉकों को अलग किया जा रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने निर्देश देते हुए कहा, अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण कुशल तरीके से किया जाना चाहिए ताकि अस्पताल किसी भी प्रकार से संभावित हॉटस्पॉट में परिवर्तित न हो सकें।

कोविड ब्लॉकों को लेकर डॉक्टरों ने सरकार के समक्ष अपनी चिंता व्यक्त की थी। इस पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि क्रॉस संक्रमण को रोकने के लिए तुरंत यह कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कहा, अस्पतालों में और रोग विभागों में यह सुनिश्चित किया जाए कि कोरोना और गैर कोरोना रोगियों का कोई परस्पर संबंध न हो। इसलिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेजों के निदेशक अस्पतालों में स्वयं मौके पर जाकर हालात का जायजा लें।

हरियाणा में कोरोनावायरस का उपचार कर रहे डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए इस समय 22,800 पीपीई किट, 1,02,857 एन-95 मॉस्क तथा 28,02,406 दस्ताने उपलब्ध हैं। इसके अलावा, 502952 पीपीई किट तथा 103200 एन-95 मॉस्क के आर्डर की सप्लाई आगामी तीन-चार दिनों में हो जाएगी।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा, रैपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन किया गया है और इन टीमों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य को अलग-अगल जोन में विभाजित कर दिया गया है।

उन्होंने स्वास्थ्य, पुलिस, चिकित्सा, शिक्षा तथा नगर निकाय विभाग के कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि हरियाणा शीघ्र ही कोरोना से छुटकारा पा लेगा।

हरियाणा में सामान्य मरीजों के लिए अधिकांश निजी अस्पताल खुले हैं। यहां रुटीन ओपीडी के बजाय टेलीमेडिसिन और मोबाइल ओपीडी कार्यरत हैं।

राज्य में पहले ही डाक्टरों को 50 लाख रुपये, नर्सो को 30 लाख रुपये, पैरामैडिक्स को 20 लाख और चतुर्थ श्रेणी कर्मी को 10 लाख रुपये का एक्सग्रेशिया देने की घोषणा की जा चुकी है। राज्य के निजी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स और अन्य कर्मचारियों को भी सरकारी क्षेत्र में काम करने वालों की तर्ज पर उपलब्ध एक्सग्रेशिया का लाभ दिया जाएगा।


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