अदालतों को गरीबों की रक्षा करनी चाहिए : सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने बुधवार को कहा कि न्यायाधीश पूरी दुनिया से कट कर नहीं रह सकते बल्कि उन्हें निश्चित ही इस बात से जागरूक होना चाहिए कि उनके आसपास दुनिया में क्या चल रहा है

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने बुधवार को कहा कि न्यायाधीश पूरी दुनिया से कट कर नहीं रह सकते बल्कि उन्हें निश्चित ही इस बात से जागरूक होना चाहिए कि उनके आसपास दुनिया में क्या चल रहा है। कोरोनावायरस की वजह से उत्पन्न संकट का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि अदालत को निश्चित ही गरीबों और शोषितों की रक्षा करनी चाहिए क्योंकि मुश्किल के वक्त उनपर सबसे ज्यादा मार पड़ी है।
बुधवार को सेवानिवृत्त होने वाले न्यायमूर्ति गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन(एससीबीए) द्वारा आयोजित फेयरवेल समारोह में अपनी बात रखी। न्यायमूर्ति गुप्ता सुप्रीम कोर्ट के 70 साल के इतिहास में पहले ऐसे न्यायाधीश हैं, जिन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए वर्चुअल फेयरवेल दी गई
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "आज के मौजूदा समय में न्यायमूर्ति खुद में खोये या अपनी अलग दुनिया में नहीं रह सकते, उन्हें निश्चित ही अपने आस-पास हो रही चीजों से जागरूक रहना चाहिए। न्याय सबके लिए बराबर होना चाहिए। वास्तव में इस तरह से संतुलित होना चाहिए कि गरीब और शोषितों को भी न्याय मिले।"
उन्होंने कहा, "जिस तरह के समय में हम जी रहे हैं, अदालतों को निश्चित ही गरीबों और शोषितों की रक्षा करनी चाहिए, क्योंकि इस मुश्किल घड़ी में सबसे ज्यादा मुश्किल में है। जब कोर्ट अपना कर्तव्य निभाता है और नागरिकों के पक्ष में काम करता है तो कई बार कुछ टकराव होता है, लेकिन कुछ टकराव मेरे विचार में स्वस्थ्य संकेत है कि कोर्ट सही से चल रहे हैं।"


