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किराये की कोख के आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज

किराये की कोख में बच्चा पैदा कर उसे बेचने के अवैध कारोबार में संलिप्त गिरोह में शामिल लोगों की जमानत अर्जी न्यायालय ने खारिज कर दी है........

किराये की कोख के आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज
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कोरबा। किराये की कोख में बच्चा पैदा कर उसे बेचने के अवैध कारोबार में संलिप्त गिरोह में शामिल लोगों की जमानत अर्जी न्यायालय ने खारिज कर दी है। इसके साथ ही सभी आरोपियों को पुन: सलाखों के पीछे भेज दिया गया। दूसरी ओर मातृछाया में पल रही मासूम बच्ची के पिता का पता लगाने के लिए पुलिस ने डीएनए टेस्ट कराने की अनुमति न्यायालय से मांगी है। प्रकरण में अगली सुनवाई 19 जून को होगी।

याद रहे कोतवाली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर 15 जून को बड़े मामले का खुलासा कर किराये की कोख का कारोबार करने वाली मुख्य एजेंट सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपी पूजा सारथी, उसके पति हीरालाल सारथी, सेरोगेसी कराने वाली एजेंट रेणु ठाकुर, कोमल सेन्द्रे और 25 दिन की मासूम बच्ची की मां दुर्गा जो कि उसे आर्थिक कारणों से बेचने का प्रयास कर रही थी, के विरूद्ध भादवि की धारा 41(1-4), 379 व 411 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

दुर्गा अपनी 25 दिन की बेटी को बेचने के प्रयास में लगी थी और इसका जिम्मा रेणु ठाकुर ने लिया था जो कि रायपुर के शंंकर नगर में संचालित मां लक्ष्मी नर्सिंग होम में कार्यरत थी। दुर्गा के इस बच्ची को रेणु ने ग्राहक मिलने तक देखरेख के लिए कोमल के पास रखवाया था और कोमल ने रायपुर के ही एक नर्सिंग होम में काम करने वाले अपनी परिचित पूजा सारथी को यह बच्ची दी थी। पूजा इस बच्ची को लेकर कोरबा सीतामणी स्थित निवास आ गई थी।

मासूम बच्ची और पूजा की तलाश में कोमल कोरबा पहुंची और बच्ची को बेचने को लेकर सौदेबाजी में विवाद होने पर पड़ोसियों के जरिए मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने छानबीन की तो 25 दिन की बच्ची को अपने साथ रखने वाली पूजा 4 माह से गर्भवती पाई गई। यहीं से पुलिस का संदेह गहराया और पूछताछ में सारा राज खुलता चला गया कि पूजा ने अपनी कोख किराये पर दी थी और इसके लिए 1.50 लाख में सौदा रेणु ठाकुर ने किसी दंंपत्ति से किया था।

जेल दाखिल कराये गये आरोपियों की ओर से उनके अधिवक्ता ने न्यायिक मजिस्टे्रट दिप्ती लकड़ा के न्यायालय में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया जिस पर अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने विरोध दर्ज कराते हुए जमानत न देने का आग्रह किया। भियोजन पक्ष ने बताया कि दोनों पक्ष को सुनने के बाद न्यायधीश ने आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी।


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