मुख्तार अंसारी के सालों को कोर्ट ने दी राहत
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विधायक मुख्तार अंसारी के दो सालों को राहत देते हुए गैंगस्टर एक्ट के मामले में पुलिस रिपोर्ट पेश होने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है

प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विधायक मुख्तार अंसारी के दो सालों को राहत देते हुए गैंगस्टर एक्ट के मामले में पुलिस रिपोर्ट पेश होने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने दोनों को जांच में सहयोग करने और पुलिस को विवेचना जल्द पूरी करने का भी निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र एवं न्यायमूर्ति एसके पचौरी की खंडपीठ ने मुख्तार अंसारी के सालों अनवर शहजाद व सरजील रजा की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी व एडवोकेट अजय कुमार श्रीवास्तव को सुनकर दिया है। अनवर शहजाद व सरजील रजा पर गिरोह बनाकर जमीन हथियाने और बेनामी खरीद से संपत्ति बनाने के आरोप में दो आपराधिक मामले दर्ज हैं।
याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि वर्ष 2019 में जमीन हड़पने के दो मामलों में फर्जी तरीके के उनका नाम शामिल किया गया। इसके बाद 11 सितंबर, 2020 को उनके खिलाफ गैंगस्टर कानून की धारा 2/3 (1) के तहत गाजीपुर के कोतवाली पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर में आरोप है कि याचिकाकर्ताओं का एक गिरोह है जिसमें उनके अलावा आफसा अंसारी भी शामिल हैं और ये लोग जमीन हड़पने में शामिल हैं, और बेनामी सौदों के जरिए चल एवं अचल संपत्ति हासिल करने में शामिल रहे हैं।
संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया और कहा, प्राथमिकी में बेनामी सौदों के जरिए चल-अचल संपत्ति हासिल करने के लिए गिरोह बनाने का आरोप है, जिसकी जांच जरूरी है। इसलिए प्राथमिकी रद्द करने का याचिकाकर्ताओं का अनुरोध स्वीकार नहीं किया जा सकता।
अदालत ने इस मामले की जांच पर रोक नहीं लगाई, लेकिन पुलिस रिपोर्ट दाखिल किए जाने तक याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर रोक लगाकर उन्हें राहत दी। कोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ताओं के खिलाफ जिन दो मामलों का हवाला दिया गया है, एफआईआर में उनके नाम नहीं थे और पूरक आरोपपत्र के जरिए उनके नाम जोड़े गए हैं।


