कूप कटाई में भी राशि की बंदरबांट
वन परिक्षेत्र रायगढ़ के बंगुरसिया में कूप जलने का मामला पूरे जिले के रायगढ़ व धरमजयगढ़ वन मंडल में चर्चा का विषय बना हुआ है

मजदूरों को भुगतान बाकी रेंजर को नहीं मालूम
रायगढ़ । वन परिक्षेत्र रायगढ़ के बंगुरसिया में कूप जलने का मामला पूरे जिले के रायगढ़ व धरमजयगढ़ वन मंडल में चर्चा का विषय बना हुआ है और इस मामले में विभाग के बड़े अधिकारियों के कार्यप्राणलियों की भी जमकर किरकिरी हुई है, लेकिन अभी सरकारी राशि के बंदरबांट का खेल बचा हुआ है। ऐसे में लापरवाह कर्मचारी किसी तरह यह कठिन समय बितने की दुआएं करते हुए इतंजार में लगे हुए हैं,
लेकिन इस मामले में सबसे मजेदार बात यह है कि रायगढ़ वन परिक्षेत्र के रेंजर को यह तक नहीं मालूम कि कूप में काम कर चुके मजूदरों का भुगतान हुआ है या नहीं। जबकि मार्च माह के अंत तक एकाउंट भी उच्च विभाग में चले गया।
विदित हो कि बंगुरसिया सर्किल में एससीआई, एरियर कूप क्रमांक 10 का कटाई व परिवहन मार्च माह तक हर हालत में हो जाना था और इसके लिए प्रयास भी किया गया दो शासकीय ट्रक को परिवहन के लिए लगाया भी गया था और कूप का थप्पी लगाने के कारण ट्रक को जुनवानी में खड़े कराया गया था, लेकिन परिवहन होने से पहले ही करोड़ो, लाखों रुपए शासन को राजस्व देने वाला कूप जल कर राख में तब्दील हो गया।
इसके बाद मामले का खुलासा करीब दस दिनों बाद ग्रामीणों के द्वारा दिए गए जानकारी पर मिडिया ने किया, लेकिन मार्च माह में ही एकाउंट भेज दिया गया और इधर मजदूरों का भुगतान लटक जाने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि अब तक पूरी तरह मजदूरों का भुगतान नहीं हो सका है। वहीं रेंजर आरसी यादव भी मजदूरों को भुगतान होने की स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे हैं।
ऐसे में विभागीय जानकारों का कहना है कि अभी सरकारी राशि का बंदरबांट नहीं हुआ है, जिसके कारण विभाग के अधिकारियों की भी परेशानी बढ़ गई है और मामले में गोलमोल जवाब दिया जा रहा है। किसी तरह भुगतान के मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। जबकि मार्च माह में एकाउंट जाने के कारण रिकार्ड में भुगतान होने की बात सामने आ रही है और वर्तमान स्थिति कुछ और ही है।
भुगतान भी जांच का विषय
विभागीय जानकारों का कहना है कि कूप जलने के बाद मामले में जांच टीम तो गठित कर दी गई, लेकिन सिर्फ जले हुए कूप की जांच कर मामले का पटाक्षेप किया जा रहा है। जबकि शासन के नियमानुसार सभी मजदूरों का भुगतान सीधे उनके खाते में किया जाना है, लेकिन इसकी जांच यहां नहीं की जा रही है और मार्च में एकाउंट चले जाना है और यहां मजदूरों को भुगतान नहीं होना भी विभाग के अधिकारियों के द्वारा सरकारी राशि का बंदरबांट किए जाने की पोल खोल रहा है। ऐसे में यह भी जांच का विषय बन गया है।
क्या था मामला
करीब दो सप्ताह पहले बंगुरसिया जंगल के कक्ष क्रमांक 915 में आग लगी थी। इससे यहां डिपो में परिवहन होने से पहले रखा गया कूप का चट्टा जल कर राख हो गया। इससे शासन को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो गया और बाद में इसकी भरपाई के लिए यहीं के जंगल के पेड़ों की अवैध कटाई शुरू कर दी गई। मिडिया के माध्यम से वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की पोल खुली। इसके बाद आनन-फानन में जांच टीम बना दिया गया।
क्या कहते हैं रेंजर
इस संबंध में रायगढ़ वन परिक्षेत्र के रेंजर आरसी यादव का कहना था कि भुगतान हुआ है कि नहीं अभी पूछना पड़ेगा मुझे स्टॉप से। क्योंकि वे बैंक में डाले हैं। एक खाता में कई मजदूरों का भुगतान डालने के बारे में भी पूछना पड़ेगा।


