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देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11 महीनों के आयात को फंड करने के लिए पर्याप्त : आरबीआई गवर्नर

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 30 मई तक 691.5 अरब डॉलर था

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11 महीनों के आयात को फंड करने के लिए पर्याप्त : आरबीआई गवर्नर
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 30 मई तक 691.5 अरब डॉलर था, जो 11 महीने से अधिक के माल आयात और लगभग 96 प्रतिशत बकाया विदेशी ऋण को चुकाने के लिए पर्याप्त है।

आरबीआई के ताजा डेटा के मुताबिक, 30 को समाप्त हुए हफ्ते में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले हफ्ते के मुकाबले 1.2 अरब डॉलर की कमी आई है। वहीं, 23 मई को समाप्त हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6.99 अरब डॉलर बढ़कर 692.72 अरब डॉलर पहुंच गया था। यह लगातार आठवां हफ्ता था, जब फॉरेक्स में तेजी देखी गई थी।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) की वैल्यू समीक्षा अवधि में 586.167 अरब डॉलर पर पहुंच गई। एफसीए में डॉलर के साथ यूरो, पाउंड और येन जैसी अहम मुद्राओं को शामिल किया जाता है।

देश के विदेशी मुद्रा भंडार एक और अहम घटक गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 30 मई को समाप्त हुए हफ्ते में 83.582 अरब डॉलर रही है।

वैश्विक स्तर पर उतार-चढ़ाव के कारण दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सुरक्षित समझे जाने वाले गोल्ड में निवेश कर रहे हैं। आरबीआई भी 2021 से विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड की हिस्सेदारी बढ़ाकर करीब दोगुनी कर चुका है।

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में किसी भी तरह की मजबूती से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए को मजबूती मिलती है।

विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि अर्थव्यवस्था के मजबूत आधार को दर्शाती है और इससे आरबीआई को रुपए में अस्थिरता आने पर उसे स्थिर करने के लिए पर्याप्त जगह मिलती है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर ने कहा कि भारत का एक्सटर्नल सेक्टर मजबूत बना हुआ है, क्योंकि एक्सटर्नल सेक्टर के प्रमुख संकेतकों में सुधार जारी है। हमें अपनी एक्सटर्नल फंडिंग आवश्यकताओं को पूरा करने का भरोसा है।


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