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रेरा निगरानी में पूरी हुई देश की पहली बिल्डर योजना

जेपी कैलिप्सो कोर्ट के दो टावर पूरे, दस साल बाद मिला 156 परिवारों को घर

रेरा निगरानी में पूरी हुई देश की पहली बिल्डर योजना
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नोएडा। जेपी कैलिप्सो कोर्ट एक ऐसी परियोजना है जिसे रेरा की निगरानी में पूरा किया गया। उप्र रेरा के अन्तर्गत अधिग्रहित होकर पूर्ण होने वाली देश की प्रथम रियल स्टेट परियोजना बन गई है। इसे मेसर्स जयप्रकाश एसोसिएटस (जेपी) लिमिटेड द्वारा नोएडा के जेपी विश टाउन, सेक्टर-128 पूरा किया गया है।

परियोजना के अंतिम दो टावरों, 11 व 12 की 156 इकाइयों को भी नोएडा प्राधिकरण ने ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट मिल गया है। आवंटियों की सहमति से 304 इकाइयों के शेष निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए जुलाई 2020 में पुनर्वासित किया गया था। अन्य 2 टॉवरों को अगस्त 2022 में ओसी प्राप्त हो चुकी है और अब सभी 4 टॉवरों में कुल 304 ईकाइयां है। अब बायर्स को योजना के तहत पजेशन दिया जाएगा।

रेरा ने बताया कि जुलाई 2020 में इस परियोजना के 4 टावरों का पुनर्वास रेरा अधिनियम की धारा-8 के तहत किया गया था। प्रोमोटर ने अगस्त 2022 माह में टावर 7 और 8 के 148 इकाइयों का ओसी प्राप्त कर लिया था। इस प्रकार से सभी 4 पुनर्वासित टावरों के 304 इकाइयों को ओसी प्राप्त होने से इनके कुल 274 आवंटियों को कब्जा देने व शेष 30 इकाइयों के विक्रय का रास्ता खुल गया है।

10 साल बाद बायर्स को मिलेगा घरों में प्रवेश

जेपी एसोसिएट ने ये परियोजना वर्ष 2010-11 में लेकर आया था। घर की बुकिंग के दस साल बाद आवंटियों को अपने सपनों के घर में प्रवेश मिल सकेगा। रेरा के अधिकारियों का मानना है कि कैलिप्सो कोर्ट मॉडल अपने आप में एक मिसाल बनकर अन्य रुकी परियोजनाओं के प्रोमोटर्स व आवंटियों में भरोसा बढ़ाने हेतु मील का पत्थर बनेगी। इसे दो साल में पूरा किया गया।

यूपी रेरा के अध्यक्ष राजीव कुमार ने प्रोमोटर व आवंटियों के संघ को हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कहा कि सालों से रुकी पड़ी परियोजना का पूर्ण होना पूरे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बड़ी उपलब्धि है। रेरा अधिनियम रियल एस्टेट परियोजनाओं के पूर्ण होने में अत्यधिक विलम्ब पर अंकुश लगाने व घर खरीदारों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से लागू किया गया था।

14 और परियोजनओं को भी किया जाएगा पूरा

उन्होंने बताया कि ऐसी 14 और परियोजनाओं को भी रेरा की धारा-8 के तहत शेष निर्माण कार्य के लिए स्वीकृत किया गया है। विभिन्न स्तरों पर रूके इन परियोजनाओं के 7000 आवंटियों को उनका घर उप्र रेरा की देखरेख व निगरानी में पूरी कराया जा रहा हैं।

ऐसे पूरी की गई परियोजना

उप्र रेरा और आरडी पालीवाल कन्सिलीएटर व अन्य सदस्यों के प्रयासों से ये सम्भव हो सका। योजना को पूरा करने के लिए प्रोमोटर की तरफ से प्रारंभिक धनराशि 45.00 करोड़ एक एस्क्रो अकाउंट में जमा कराए गए। कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर एवं लॉकडाउन की चुनौतियों के बावजूद रेरा की (निगरानी परियोजना अनुश्रवण और निगरानी समिति) का गठन किया गया। जो ऐसे परियोजनाओं का गहन निगरानी करता है। इसके अलावा थर्ड पार्टी निर्माण सलाहकार फर्म को नियुक्त किया। इसके बाद प्रोमोटर ने टॉवर 7 व 8 के लिए दिसंबर 2021 व टॉवर 11 व 12 के लिए मई 2022 में ओसी के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण में आवेदन कर दिया।

2017 में रेरा में हुई थी रजिस्टर्ड

इस परियोजना के 8 टॉवर को प्रोमोटर ने साल 2017 में उप्र. रेरा में पंजीकृत कराया था। पंजीकरण तिथि समाप्त होने तक केवल 4 टावरों का निर्माण हो सका था। उप्र रेरा की ओर से 29 जुलाई 2020 को जारी आदेश द्वारा शेष 4 टावरों जिसमें टॉवर 7, 8, 11 व 12 के 304 इकाइयों के निर्माण के लिए प्रोमोटर को 50 प्रतिशत से अधिक आवंटियों के संघ, प्रोग्रेसीव वेलफेयर सोसाइटी की सहमति से अधिकृत किया गया।


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