जहरीली शराब कांड में गृह सचिव से जवाब तलब
उच्च न्यायालय ने जहरीली शराब कांड मामले में गढ़वाल के पुलिस महानिरीक्षक की रिपोर्ट पर असंतोष जताते हुए राज्य के गृह सचिव को इस मामले में दो सप्ताह में हलफनामा के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा है

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रूड़की के बहुचर्चित जहरीली शराब कांड मामले में गढ़वाल के पुलिस महानिरीक्षक की रिपोर्ट पर असंतोष जताते हुए राज्य के गृह सचिव को इस मामले में दो सप्ताह में हलफनामा के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा है। इस कांड में 43 लोग अकाल मौत के शिकार बने थे।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन के नेतृत्ववाली खंडपीठ ने इस मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सोमवार को ये निर्देश दिये।
वकील नमन काम्बोज ने बताया कि अदालते कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट में जहरीली शराब पर नियंत्रण करने और दोषियों के खिलाफ अभी तक की गयी कार्यवाही जैसे सभी ब्यौरे होने चाहिए थे। साथ ही ऐसी त्रासदी को रोकने के लिये क्या-क्या एहतियाती कदम उठाये जा सकते हैं, इसका भी उल्लेख होना चाहिए था।
श्री काम्बोज ने कहा कि कोर्ट सरकार के जवाब से भी संतुष्ट नहीं दिखायी दी। सरकार की ओर से कहा गया कि इस मामले में कुछ लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कि क्यों नहीं उनके खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टियां की जायें। उन्होंने कहा कि अदालत ने जोर देते हुए कहा कि इस त्रासदी में 43 लोगों की जान गयी है और ऐसा लग रहा है कि अधिकारी इसे हल्के में ले रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अदालत ने फरवरी में भी सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे से असंतुष्टि जाहिर की थी और नया हलफनामा पेश करने को कहा था।
श्री काम्बोज ने कहा कि फरवरी में कोर्ट ने सरकार को याचिकाकर्ता प्रमोद शर्मा को भी सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश जारी किये थे। रूड़की के जहरीली शराब कांड की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रहा है। जांच दल ने इस मामले में रूड़की के भगवानपुर से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। उस पर कथित रूप से नकली शराब तैयार करने के लिये खतरनाक रसायन खरीदने का आरोप है।
गौरतलब है कि गत फरवरी में हुई इस त्रासदी में जहरीली शराब से रूड़की के आसपास के 43 लोगों की मौत हो गयी थी। इस घटना के बाद उप्र सरकार ने भी जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच के लिये विशेष जांच दल का गठन करने की घोषणा की थी।


