दिव्यांगों के माता-पिता के लिए परामर्श जरूरी : ईरानी
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को कहा कि अलग क्षमता वाले लोग जिन्हें दिव्यांग भी कहा जाता है उनके माता- पिता और परिवार को सलाह देना उनके सशक्तिकरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को कहा कि अलग क्षमता वाले लोग, जिन्हें 'दिव्यांग' भी कहा जाता है उनके माता- पिता और परिवार को सलाह देना उनके सशक्तिकरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। विज्ञान भवन में समावेशी भारत शिखर सम्मेलन -2017 के शुभारंभ के मौके पर ईरानी ने कहा, "दिव्यांगों के माता-पिता और परिवार के सदस्यों को परामर्श देना बहुत ही महत्वपूर्ण है और दिव्यांग लोगों की पर्यावरण व्यवस्था को मजबूत किया जाना चाहिए। दिव्यांग लोगों को उनके लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानना बहुत ही जरूरी है और इसके लिए समावेशी जानकारी आवश्यक है।"
केंद्रिय मंत्री स्मृति ईरानी के मुताबिक, दिव्यांगों के सशक्तीकरण के लिए प्रधानमंत्री की मुद्रा योजना का भी उपयोग किया जाना चाहिए।
ईरानी ने कहा, "दिव्यांगों से जुड़ी सभी योजनाओं के प्रचार के लिए दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो समेत सूचना और प्रसारण मंत्रालय का पूरा समर्थन और सहयोग दिया जाएगा।"
इस अवसर पर मौजूद, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि बौद्धिक और विकासात्मक विकलांग लोगों को शामिल करना हमारे समाज के खून में है और ऐसा केवल उच्च स्तर की प्रतिबद्धता के साथ ही किया जा सकता है।
गहलोत ने कहा, "दिव्यांगों की श्रेणियां 7 से बढ़ाकर 21 कर दी गई हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा दिव्यांग सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। इसके साथ ही ऐसा पहली बार हो रहा कि, दिव्यांगों के लिए पूर्व-मैट्रिक, मैट्रिक के बाद और विदेशी छात्रवृत्ति शुरू की गई है।"
थावरचंद गहलोत ने कहा कि अब दिव्यांगों को सरकारी विभागों में नौकरियों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण और साथ ही उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पांच प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।


