छग : गंभीर बीमारियों के इलाज का दावा
बिलासपुर के गौरेला के घने जंगलों के बीच बसे बानघाट पीढ़ा गांव के ननकू बैगा जड़ी-बूटियों से लोगों की गंभीर बीमारियों के इलाज का दावा करते हैं

रायपुर/ बिलासपुर। बिलासपुर के गौरेला के घने जंगलों के बीच बसे बानघाट पीढ़ा गांव के ननकू बैगा जड़ी-बूटियों से लोगों की गंभीर बीमारियों के इलाज का दावा करते हैं।
उनकी दी गई दवाओं से लोगों को लाभ भी मिल रहा है। इसके चलते इलाज कराने वालों की भीड़ इनके यहां जुटती है। हालांकि उनके दावों की पुष्टि नहीं हुई है।
महज पांचवी तक पढ़े ननकू बैगा ने बताया कि उनको ये चीजें उनके पिता से विरासत में मिलीं। उनके पिता भी जंगल में बसकर जड़ी-बूटियों के सहारे बीमार लोगों का उपचार करते थे। 60 वर्षीय ननकू बैगा करीब पचास से अधिक जंगली जड़ी-बूटियों के जरिए लोगों की किडनी, पथरी और यहां तक कि शुगर और कैंसर जैसी जटिल बीमारियों का इलाज करने का दावा करते हैं।
ननकू बैगा ने कहा कि जड़ी-बूटियों में सर्वाधिक फायदा अब तक किडनी के मरीजों को हो रहा है। बड़े और महंगे अस्पतालों से मायूस होकर वापस आ चुके लोगों को इन जड़ी-बूटियों से फायदा मिल रहा है। इस हर्बल क्लीनिक में बीमारियों के एवज में न तो कोई फीस निर्धारित है न ही कोई दूसरे मापदंड। जिसकी जो खुशी होती है दे-देता है।


