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निगम व किसानों के बीच जमीन विवाद

डिफेंस मिनिस्ट्री के सेक्शन ऑफिसर को गोली मारने के मामले में निगम व किसानों के बीच जमीनीेेे को लेकर चल रहे विवाद और उसमें भूमाफिया की एंट्री की बात सामने आ रही है।

निगम व किसानों के बीच जमीन विवाद
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गाजियाबाद। डिफेंस मिनिस्ट्री के सेक्शन ऑफिसर को गोली मारने के मामले में निगम व किसानों के बीच जमीनीेेे को लेकर चल रहे विवाद और उसमें भूमाफिया की एंट्री की बात सामने आ रही है।

शांतिनगर कॉलोनी के पास हुई इस घटना में भी एक जैसे खसरा नंबर होने के चलते पीड़ित व निगम के बीच विवाद चल रहा है। वहीं, आरोपी प्रॉपर्टी डीलर शाहिद इसका फायदा उठाकर प्लॉटिंग कराने लगा था। फिलहाल मेयर आशु वर्मा ने जमीन की पैमाइश कराने व आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराने की बात कही है।
यह है मामला

विजयनगर एरिया स्थित डूंडाहेड़ा में एक ही खसरा नंबर पर कई किसानों और निगम दोनों की जमीन है। यह बात निगम अधिकारी भी मानते हैं। ऐसे में जब कोई किसान किसी भूमाफिया को अपनी जमीन बेचता है तो वह नगर निगम की जमीन पर भी कब्जा करने लगता है और धीरे-धीरे करके वह निगम की जमीन भी बेच देता है। इसके बाद वह दूसरे किसान की जमीन पर कब्जा करने लगता है। ऐसे मामले की शिकायत होने पर एफआईआर दर्ज कराई जाती है। सूबे सिंह वाले मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है।

सूबे सिंह के भाइयों का कहना है कि यह उनकी पुश्तैनी जमीन है और निगम भी इस बात से इंकार नहीं कर रहा है। हालांकि निगम अधिकारियों का आरोप है कि इस परिवार ने अपनी जमीन की आड़ में निगम की जमीन पर भी कब्जा कर लिया है, जिसके चलते पांचों भाइयों समेत 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था।

सूबे सिंह के भाई महेंद्रपाल का कहना है कि यह हमारी पुश्तैनी जमीन है, जिसके सारे कागजात हमारे पास हैं। निगम की जमीन पर जबरन कब्जा दिखाने की कोशिश की जा रही है, जिसके चलते हमने स्टे ले लिया था। डूंडाहेड़ा एरिया में खसरा नंबर 67/1 पर निगम की जमीन है, जबकि 67/5 पर पीड़ित परिवार की। इस मामले में निगम के संपत्ति अधिकारी बताते हैं कि तहसील के अधिकारियों ने मौके जाकर पैमाइश की थी, जिसमें निगम की जमीन को बेचने का मामला सामने आया था। वहीं, महेंद्रपाल कहते हैं कि पैमाइश के वक्त उनके परिवार के किसी सदस्य को नहीं बुलाया गया था। यह हमारी जमीन पर कब्जा करने का खेल है।

चचेरे भाई ने बेची थी जमीन

महेंद्रपाल के मुताबिक, डूंडाहेड़ा एरिया में हमारे चचेरे भाई सूरजभान ने जमीन बेची थी, जिसके चलते में आरोपी प्रॉपर्टी डीलर शाहिद हमारी जमीन पर भी कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, जबकि हमारे परिवार के किसी सदस्य ने एक इंच जमीन भी नहीं बेची।

डूंडाहेड़ा व नंदग्राम में किसानों व निगम की जमीन का खसरा नंबर एक जैसा होने के कारण दिक्कत होती है, लेकिन हम सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं होने देंगे। इस एरिया में निगम की जमीन की पैमाइश कराई जाएगी। यदि कोई कब्जाधारी मिला तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।


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