सिर्फ सीएनजी वाहनों के जरिए गली-मोहल्लों से कचरा उठाएगी निगम
शहर के पर्यावरण और शहरवासियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने प्रदूषण रहित कचरा परिवहन प्रणाली में विस्तार करने का फैसला किया है

नई दिल्ली। शहर के पर्यावरण और शहरवासियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने प्रदूषण रहित कचरा परिवहन प्रणाली में विस्तार करने का फैसला किया है।
अब पूर्वी दिल्ली के गली-मोहल्लों से कचरा उठाने का कार्य सिर्फ सीएनजी चालित वाहनों से किया जाएगा। इसके लिए निगम ने 7 कंपनियों को मंजूरी दी हैं, जो न सिर्फ प्रदूषण रहित वाहनों से कूड़ा-कचरा उठाकर डलाव घरों तक पहुंचाएंगी, बल्कि दिल्ली को प्रदुषण मुक्त बनाने में सहयोग भी करेंगी।
इसके साथ ही पूर्वी दिल्ली नगर निगम राजधानी का ऐसा पहला निगम बन गया है, जिसने केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित निगम ठोस कचरा नियम 2016 (एम एस डब्ल्यू रूल) के तहत कचरा प्रबंधन प्रणाली में सुधार प्रक्रिया को अंजाम दे दिया है। जल्द ही पूर्वी दिल्ली में पैट्रोल से चलने वाले तमाम ऑटो टिप्पर विदा हो जाएंगे। हालांकि, ऑटो टिप्पर के बाबत नए टेंडर में देरी होने के चलते फ़िलहाल इलाके में 50 से ज्यादा ट्रैक्टर ट्रॉलियां भी तैनात हैं, जो गलियों से कूड़ा कचरा उठाकर डलाव घरों तक पहुंचा रही हैं, लेकिन डीजल चालित होने कारण ये ट्रॉलियां वातावरण को प्रदूषित भी कर रही हैं।
इन ट्रैक्टर ट्रॉलियों को भी सीएनजी वाले ऑटो टिप्पर वाहनों से बदला जाएगा। निगम अधिकारियों के मुताबिक, पूर्वी दिल्ली में सीएनजी से चलने वाले 232 ऑटो टिप्पर तैनात किए जाएंगे, जो यहां के गली-मोहल्लों से कूड़ा-कचरा उठाने का कार्य करेंगे। साथ ही शहर के वातावरण को प्रदूषण रहित भी बनाएंगे।
इसके लिए नए सिरे से चयनित सात कंपनियों (साईं, खजान, वाधवा, कत्याल और हिन्द आदि) को अगले पांच सालों में करीब 120 करोड़ रुपये का भुगतान किया जायेगा। गौरतलब है कि ऑटो टिप्पर नियुक्ति के बाबत मौजूदा कंपनी को बार-बार विस्तार दिये जाने के चलते नया टेंडर करीब दो साल बाद किया जा सका है।


