संपत्तिकर से भरेगा निगम का खजाना, मिलेंगे 2000 करोड़ सालाना!
स्थानीय निकायों की आय के सबसे बड़े स्रोत संपत्तिकर में इजाफा करने की कवायद के तहत दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने अपने इलाके में मौजूद तमाम 12 लाख संपत्तियों को कर दायरे में लाने का फैंसला किया है

नई दिल्ली। स्थानीय निकायों की आय के सबसे बड़े स्रोत संपत्तिकर में इजाफा करने की कवायद के तहत दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने अपने इलाके में मौजूद तमाम 12 लाख संपत्तियों को कर दायरे में लाने का फैंसला किया है। हालांकि साढ़े चार लाख सम्पत्तियां कर भुगतान कर रही हैं लेकिन शेष सम्पत्तियां भी करदायरे में आने के बाद निगम की सालाना आय 2000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। सर्वे की जिम्मेदारी निजी कंपनी को दी गई है जो अगले 9 महीने में अपनी रिपोर्ट निगम को सौंपेगी। रिपोर्ट को अमलीजामा पहनाने के बाद न सिर्फ निगम की सालाना आय में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा सकेगी बल्कि विकास योजनाओं को भी गति मिल सकेगी।
दरअसल, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने घर घर जाकर सर्वे करने की योजना बनाई है। इसके लिए जियोस्पेटिएल दिल्ली लिमिटेड से प्राप्त नक्शों का इस्तेमाल किया जाएगा। इन नक्शों के आधार पर सर्वे करने वाले कर्मचारी न सिर्फ तमाम संपत्तियों तक पहुंचेगे बल्कि संपत्ति पर देय मौजूदा संपत्तिकर कर की गणना करने के साथ व्यावसायिक और रिहायशी सम्पत्तियों की सूची भी तैयार करेंगे। साथ ही संपत्ति मालिकों द्वारा किये गए कर भुगतान का विवरण भी प्राप्त करेंगे। इस कार्य की शुरुआत आगामी एक अगस्त 2017 से की जाएगी जो अप्रैल 2018 में संपन्न हो जाएगा।
निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले वित्तीय साल में दक्षिणी निगम ने साढ़े चार लाख संपत्तियों से करीब 900 करोड़ रुपये का सम्पत्तिकर वसूला है। निगम को उम्मीद है कि घर घर जाकर सर्वे के जरिये उन सभी संपत्तियों को भी कर दायरे मेें लाया जा सकेगा जो अभीतक कर भुगतान नहीं कर रही हैं। इससे कर संकलन की राशि 2000 करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच जाएगी और कोई भी संपत्ति कर दायरे से बाहर नहीं रह सकेगी। वहीं, संपत्ति कर का भुगतान नहीं करने वाली सभी शेष सम्पत्तियों से साल 2004 से लेकर अबतक का बकाया सम्पत्तिकर वसूला जाएगा। गौरतलब है कि निगम ने सर्वे का कार्य जी ए डिजिटल वेबवर्ड प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा है। इसके लिए करीब पांच करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।
- संतोष सूर्यवंशी


