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कोरोना के चलते मचा कोहराम, 3 फीसदी टूटे सेंसेक्स, निफ्टी

यूरोप में कोरोना के नये वायरस के चलते दलाल स्ट्रीट पर सोमवार को कोहराम का आलम रहा

कोरोना के चलते मचा कोहराम, 3 फीसदी टूटे सेंसेक्स, निफ्टी
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मुंबई। यूरोप में कोरोना के नये वायरस के चलते दलाल स्ट्रीट पर सोमवार को कोहराम का आलम रहा। बिकवाली के भारी दबाव के चलते सेंसेक्स और निफ्टी तीन फीसदी टूटे। सेंसेक्स बीते सत्र के मुकाबले 1407 अंकों की गिरावट के साथ 45,554 पर बंद होने से पहले 44,923 तक लुढ़का। वहीं, निफ्टी बीते सत्र से 432 अंक फिसलकर 13,328 पर ठहरा। सेंसेक्स पिछले सत्र से 1406.73 अंकों यानी तीन फीसदी की गिरावट के साथ 45,553.96 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 432.15 अंकों यानी 3.14 फीसदी की गिरावट के साथ 13,328.40 पर बंद हुआ। हालांकि निफ्टी आरंभिक कारोबार के दौरान रिकॉर्ड स्तर तक चढ़ा।

जानकार बताते हैं कि घरेलू बाजार में तीन प्रमुख वजहों से गिरावट रही। पहला कारण कोरोना का कहर, दूसरा कमजोर वैश्विक संकेत और तीसरा कारण मुनाफावसूली का दबाव रहा।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स बीते सत्र से 28.51 अंकों की कमजोरी के साथ 46,932.18 पर खुला और दिनभर के कारोबार के दौरान 47,055.69 तक चढ़ा, जबकि इसका निचला स्तर 44,923.08 रहा।

बीएसई के सभी 19 सेक्टरों के सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी भी पिछले सत्र से 18.65 अंकों की नरमी के साथ 13,741.90 पर खुला और दिनभर के कारोबार के दौरान 13,777.50 तक उछला, लेकिन बाद में बिकवाली के दबाव में लुढ़ककर 13,131.45 पर आ गया।

यूके में कोरोना वायरस के नये वायरस के प्रकोप के चलते लगाए गए प्रतिबंध से यूरोपीय बाजारों में भारी गिरावट आई, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा। वहीं, भारत में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ब्रिटेन से आने और जाने वाली सभी उड़ानों पर 31 दिसंबर तक रोक लगा दी।

ट्रेड स्विफ्ट के डायरेक्टर संदीप कुमार जैन कहते हैं, बाजार में लगातार तेजी बनी हुई थी, इसलिए यूके में पैदा हुए संकट से मची हलचल के बीच मुनाफावसूली हावी होने से गिरावट आई, जोकि आनी ही थी।

बीएसई मिडकैप सूचकांक बीते सत्र से 736.20 अंकों यानी 4.14 फीसदी की गिरावट के साथ 17,064.98 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक बीते सत्र से 812.11 अंकों यानी 4.57 फीसदी की गिरावट के साथ 16,956.99 पर ठहरा।

बीएसई के सभी 30 शेयरों में गिरावट रही, जबकि सबसे ज्यादा गिरावट वाले पांच शेयरों में ओएनजीसी (9.15 फीसदी), इंडसइंड बैंक (6.98 फीसदी), एमएंडएम (6.26 फीसदी), एसबीआईएन (6.19 फीसदी) और एनटीपीसी (5.98 फीसदी) शामिल रहे।

बीएसई के सभी 19 सेक्टरों में गिरावट रही लेकिन सबसे ज्यादा गिरावट वाले पांच सेक्टरों में धातु (6.05 फीसदी), तेल व गैस (5.99 फीसदी), युटिलिटीज (5.68 फीसदी), रियल्टी (5.13 फीसदी) और आधारभूत सामग्री (4.74 फीसदी) शामिल रहे।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के इक्विटी स्ट्रेटजी, ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन प्रमुख हेमांग जानी ने कहा कि कोरोना महामारी के गहराते प्रकोप से निवेशकों का मनोबल टूटा जिसके कारण कमजोर वैश्विक संकेत मिलने से घरेलू शेयर बाजार में गिरावट आई। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन के चलते यूरोपीय बाजार में दो से तीन फीसदी की गिरावट आई, हालांकि अमेरिका में 900 अरब डॉलर के वित्तीय प्रोत्साहन पर सहमति की खबर से बाजार को थोड़ा सपोर्ट मिला।


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