Top
Begin typing your search above and press return to search.

पत्रकारों को मिले कोरोना योद्धा का दर्जा: नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स

पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मीडियाकर्मियों को कोरोना योद्धा का दर्जा देने की मांग की है

पत्रकारों को मिले कोरोना योद्धा का दर्जा:  नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स
X

नयी दिल्ली । पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मीडियाकर्मियों को कोरोना योद्धा का दर्जा देने तथा उनके त्वरित टीकाकरण किये जाने एवं उनके उपचार की समुचित व्यवस्था किये जाने की मांग की है।

एनयूजे-आई के अध्यक्ष रास बिहारी ने इस बारे में प्रधानमंत्री श्री मोदी को भेजे एक पत्र में कहा है कि मीडिया कर्मियों ने कोरोना महामारी के संदर्भ में जनजागरूकता अभियान में भी सबसे महत्वपूर्ण योगदान दिया है। काम के बीच देशभर में कोरोना से संक्रमित मीडियाकर्मियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आर्थिक तौर पर कमजोर होने के कारण बड़ी संख्या में पत्रकार उचित इलाज नहीं करा पा रहे हैं। देश में कोरोना के कारण दो सौ से अधिक पत्रकारों की जानें जा चुकी हैं।

रास बिहारी ने कहा कि पिछले एक वर्ष से जारी कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस और प्रशासन और अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की तरह ही मीडियाकर्मी भी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। अखबार और चैनल जनता को महामारी से बचने के उपायों की जानकारी देने के साथ ही तमाम सूचनाएं उपलब्ध करा रहे हैं। कोरोना महामारी से देशवासियों को बचाने और उपचार के तरीके बताने में मीडिया एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मीडियाकर्मी अपने दायित्व का निर्वाह करते हुए प्रशासनिक खामियों को सरकार और जनता के सामने लाते हैं ताकि समय रहते हुए सुधार किया जा सके।

रास बिहारी ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण पिछले दो सप्ताह में देशभर में लगभग 200 पत्रकारों की जान जाने के समाचार मिले हैं। पिछले वर्ष बड़ी संख्या में पत्रकार कोरोना का शिकार बने थे। कई वरिष्ठ पत्रकारों की कोरोना के कारण मृत्यु हुई है। पत्रकारों के निधन के बाद उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कई परिवार भुखमरी के कगार पर हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोरोना काल में तमाम अखबारों और चैनलों से बड़ी संख्या में पत्रकारों को नौकरी से निकाला गया है। एक जानकारी के अनुसार 50 हजार से ज्यादा मीडियाकर्मी इस दौरान बेरोजगार हुए हैं। बड़ी संख्या में मध्यम और लघु समाचार पत्र बंद हो रहे हैं। आर्थिक तौर पर कमजोर अखबारों और चैनलों के लिए भी केंद्र और राज्य सरकारों को आर्थिक सहयोग के लिए विचार करने की आवश्यकता है।

रास बिहारी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र लिखकर जानकारी दी है कि इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से संबंद्ध नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) की प्रांतीय इकाइयां अपने-अपने स्तर पर राज्यों में मीडियाकर्मियों को कोरोना योद्धा का दर्जा दिलाने के लिए अनुरोध कर रही हैं। राजस्थान सरकार ने पत्रकारों को कोरोना योद्धा का दर्जा देते हुए 50 लाख की सहायता देने की घोषणा की है। कुछ अन्य सरकारों ने भी इस तरह की घोषणाएं की है।

उधर एडिटर गिल्ड ऑफ इंडिया की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और महासचिव संजय कपूर ने एक विज्ञप्ति में कहा कि एक अप्रैल के बाद से सौ से अधिक पत्रकारों का निधन हुआ है। इनमें ज्यादातर कोविड महामारी की स्थिति की रिपोर्टिंग करते हुए संक्रमण का शिकार हुए थे। उन्होंने कहा कि वे इस बात से बेहद व्यथित हैं कि सरकार ने बीते महीनों में पत्रकारों के टीकाकरण के लिए कोई कदम नहीं उठाया। बहुत से पत्रकारों के पास बीमा की सुविधा तक नहीं है। कुछ राज्य सरकारों द्वारा महामारी की सही रिपोर्टिंग नहीं करने का भी उनपर दबाव है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर्स का दर्जा देकर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर टीका लगवाया जाये तथा उनके उपचार की अच्छी व्यवस्था की जाये।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it