कोरोना वायरस : क्रूज जहाजों को अपनानी होगी कड़ी प्रक्रिया
यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भ्रमण कराने वाले समुद्री जहाजों (क्रूज) को कोरोना वायरस (कोविड19) के संक्रमण से दूर रखने के लिए भारत सरकार ने विशेष सावधानियां बरतने का फैसला किया है

नई दिल्ली। यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भ्रमण कराने वाले समुद्री जहाजों (क्रूज) को कोरोना वायरस (कोविड19) के संक्रमण से दूर रखने के लिए भारत सरकार ने विशेष सावधानियां बरतने का फैसला किया है। क्रूज जहाजों को वायरस की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा तय स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेस अपनाना होगा। सभी अंतर्राष्ट्रीय क्रूज जहाजों के लिए तत्काल प्रभाव से यह नियम लागू होंगे। भारतीय बंदरगाहों से अपनी यात्रा की अग्रिम जानकारी देने वाले सभी क्रूज जहाजों को इस प्रक्रिया को अपनाना होगा। भारतीय बंदरगाहों पर केवल उन्हीं अंतर्राष्ट्रीय क्रूज जहाजों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जिन्होंने एक जनवरी 2020 या इससे पूर्व किसी भारतीय बंदरगाह पर पहुंचने की योजना के बारे में जानकारी दी है।
किसी भी अंतर्राष्ट्रीय क्रूज जहाज के चालक दल में शामिल सदस्यों या एक फरवरी 2020 से कोविड-19 प्रभावित देशों की यात्रा करने वाले किसी भी यात्री को 31 मार्च 2020 तक भारतीय बंदरगाहों पर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय क्रूज जहाजों को केवल उन्हीं बंदरगाहों पर प्रवेश की अनुमति होगी, जहां यात्रियों और चालक दल के लिए थर्मल स्क्रीनिंग सुविधाएं होंगी। शिपिंग एजेंट/मास्टर ऑफ वेसल को कोविड-19 प्रभावित देशों की यात्रा के संबंध में चालक दल और यात्रियों से संबंधित सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।"
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, "शिपिंग एजेंट/मास्टर ऑफ वेसल द्वारा किसी भी बीमार यात्री/चालक दल के सदस्य को जहाज पर चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोविड-19 की अद्यतन जानकारी प्रत्येक अंतर्राष्ट्रीय क्रूज पोत को उपलब्ध कराई जाएगी और यह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार होनी चाहिए।"
सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्धारित सेल्फ रिपोर्टिग फॉर्म भरना होगा और उसे बंदरगाह स्वास्थ्य अधिकारी (पीएचओ) के सामने प्रस्तुत करना होगा। पीएचओ जहाज में सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की थर्मल स्क्रीनिंग करेगा। जब तक पीएचओ द्वारा मंजूरी नहीं दी जाती, तब तक यात्रियों को तट पर उतरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बंदरगाह/स्थानीय अस्पताल अतिरिक्त डॉक्टरों और चिकित्सा स्टाफ आदि की आपूर्ति करके पीएचओ की सहायता करेंगे।
अगर किसी यात्री/चालक दल के सदस्य में बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं तो उन्हें जहाज से उतरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे यात्री के नमूने एकत्र कर परीक्षण के लिए नामित अस्पतालों/ प्रयोगशाला में भेजे जाएंगे। अगर नमूने का परीक्षण पॉजिटिव आता है तो उस यात्री को बंदरगाह से जुड़ी आइसोलेशन (अलग-थलग) केंद्र लेकर जाया जाएगा और जहाज को आगे बढ़ने के लिए कहा जाएगा।
जिन लोगों ने पिछले 14 दिनों में कोरोना प्रभावित देशों की यात्रा की है या फिर वह ऐसे देशों की यात्रा करने वाले लोगों के संपर्क में भी आए हैं तो उन्हें जहाज पर चढ़ने की अनुमति नहीं होगी।


