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बढ़ता कोरोना, सोता प्रशासन, क्या सांप निकलने पर लाठी पीटने की है तैयारी!

22 अप्रैल को 8 मरीज कोरोना संक्रमित निकले। अब कुल एक्टिव केस 45 हैं। पिछले 15 दिन में ही 75 के लगभग कोरॉना संक्रमित निकल चुके हैं। लगातर बढ़ते कोरोना संक्रमण के बाद भी प्रशासन कोरोना गाइड लाइन को लेकर सख्ती नहीं दिखा रहा है।

बढ़ता कोरोना, सोता प्रशासन, क्या सांप निकलने पर लाठी पीटने की है तैयारी!
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गजेन्द्र इंगले
ग्वालियर: देश के अन्य शहरों की तरह ग्वालियर में भी कोरोना ने फिर से दस्तक दे दी है। पिछले कुछ दिनों से लगातार कोरोना संक्रमित मरीज निकल रहे हैं। हालांकि अभी तक कोई भी अनहोनी या जनहानि नहीं हुई है। और मरीज ठीक होकर वापस घर भी जा रहे हैं। लेकिन हकीकत यह है कि फिलहाल जांच भी कम हो रही हैं। जांच का वास्तविक आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग भी देशबन्धु को उपलब्ध नहीं करा पाया। कोरोना संक्रमण के गम्भीर मामले में न तो स्वास्थ्य विभाग सक्रिय है न ही जिला प्रशासन गम्भीर।
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जब कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह से उनकी तैयारी के बारे में जानना चाहा तो वह बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर गम्भीर नजर नहीं आये। मार्किट रैली सभाओं में भीड़ होते हुए भी कोरोना गाइड लाइन का पालन न होने पर क्या व्यवस्था प्रशासन कर रहा है इसका उनके पास कोई जवाब नहीं था। हालांकि उन्होने अंत मे आश्वासन ज़रूर दिया। जिला चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मनीष शर्मा ने कहा कि गाइड लाइन है उसे रिवाइज करा देते हैं। कोविड प्रोटोकॉल का 5 चरण होते हैं, जिसको भी सिम्पटम है जांच कराए, इसोलेट हो जाये। भीड़ से बचें। मास्क लगाएं व हाथों को सेनेटाइज करें। अभी सख्ती के कोई निर्देश नहीं है लेकिन अगर लोग नहीं मानते हैं और कोरोना कंट्रोल नहीं होता है तो सख्ती भी करनी पड़ेगी। आपको बता दें कि अभी हाल ही में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बाबा साहेब अंबेडकर महाकुंभ में मौजूद थे और अगले ही दिन उनके कोरोना संक्रमित होने की रिपोर्ट आई थी।
कोरोना की वह दूसरी लहर जिसने न जाने कितने ही परिवारों को तहस नहस कर दिया था। और संक्रमण की रफ्तार इतनी तेज थी कि शासन प्रशासन के हाथ पैर फूल गए थे। न अस्पतालों में बेड व दवाएं थी न मरीजों के लिए पर्याप्त ऑक्सिजन। वह हालात ऐसे थे कि लगता था कि लोग उन्हें कभी न भुला पाएंगे। लेकिन वर्तमान में चल रही लापरवाही को देखकर लगता है कि न केवल नागरिकों ने बल्कि प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने भी वह मंजर भुला दिया है। या कहें कि उस समय हुई देरी से कोई सबक नहीं लिया है। अभी भी वक्त है यदि कोरोना गाइड लाइन का सख्ती से पाकन किया जाए तो कोरोना के इस बढ़ते संक्रमण को भयावह होने से रोका जा सकता है।अब देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन बढ़ते कोरोना संक्रमण को कितनी गम्भीरता से लेता है।


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