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मप्र के 60 फीसदी हिस्से तक पहुंचा कोरोना

मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी का लगातार विस्तार होता जा रहा है। अब तो यह राज्य के लगभग 60 फीसदी हिस्से तक पहुंच गई है

मप्र के 60 फीसदी हिस्से तक पहुंचा कोरोना
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भोपाल । मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी का लगातार विस्तार होता जा रहा है। अब तो यह राज्य के लगभग 60 फीसदी हिस्से तक पहुंच गई है और मरीजों का आंकड़ा भी 2300 को पार कर चुका है। वहीं ,120 लोगों की जान भी जा चुकी है।

राज्य के परि²श्य पर अगर गौर करें तो एक बात साफ हो जाती है कि 52 जिलों में से 31 जिलों तक कोरोना के मरीज पाए गए हैं। कोरोना के मरीज अब बड़े शहरों के बाद छोटे शहरों में भी मिलने लगे हैं और इसने सरकार और स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं।

सरकारी स्तर पर एक तरफ जहां कोरोना की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं वहीं आम लोगों का रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काला भी वितरित किया जा रहा है

राज्य में मंगलवार की शाम तक कोरोना मरीजों की संख्या 2387 हो गई। इंदौर में मरीजों की संख्या 1372 हो गई है। वहीं भोपाल में 458, जबलपुर में 70, उज्जैन में 123, मुरैना में 13, खरगोन में 61, बड़वानी में 24, छिंदवाड़ा पांच, विदिशा 13, होशंगाबाद 34, खंडवा 36, देवास 23, रतलाम 13, धार में 40, रायसेन में 45, शाजापुर में पांच, मंदसौर नौ व आगर मालवा में 11, शाजापुर छह, सागर में पांच, ग्वालियर व श्योपुर चार-चार, अलिराजपुर में तीन मरीज पाए गए। वहीं शिवपुरी, टीकमगढ़, डिंडोरी, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, अशोकनगर, शहडोल व रीवा में भी कोरोना के मरीज पाए गए है।

राज्य में कोरोना का सबसे ज्यादा असर मालवा और निमाड़ इलाके में है। कुल मरीजों की संख्या में से आधे से ज्यादा मरीज तो सिर्फ इंदौर में पाए गए हैं। यही हाल मरने वाले मरीजों की संख्या का भी है। इंदौर में सबसे ज्यादा 63 मरीजों की मौत हुंई है, जबकि प्रदेश में 120 मौतें हुई। स्वस्थ होने वाले मरीजों के मामले मे भोपाल का प्रदर्शन सबसे बेहतर हैं। यहां अब तक 139 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना की स्थित में निरंतर सुधार हो रहा है। बड़ी संख्या में मरीज ठीक होकर घर वापस जा रहे हैं। नए प्रकरणों में निरंतर कमी आ रही है। कोरोना संकट को शीघ्र समाप्त करने के लिए अब हर शहरों और जिलों की परिस्थिति को देखते हुए रणनीति बनाई जा रही है। जिलों की मनीटरिंग के लिए नियुक्त वरिष्ठ अधिकारी अब जिलों में जाकर वहाँ की स्थितियों का निरंतर अध्ययन कर रहे हैं।

एक तरफ सरकार जहां अधिक से अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का दावा कर रही हैं, वहीं मुख्यमंत्री चौहान का कहना है कि आम लोगों की रोग प्रतिरोधिक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा वितरित किया जा रहा है। एक करोड़ लोगों केा काढ़ा वितरित किया जा रहा है।

वहीं, जन स्वास्थ्य संगठन के राष्टीय सह संयोजक अमूल्य निधि का कहना है कि सरकार को कोविड मरीजों के उपचार की बेहतर व्यवस्था की जाना चाहिए। इसके साथ यह गाइड लाइन भी हेाना चाहिए कि किस मरीज को किस अस्पताल में भेजा जाएगा इसकी पारदर्शी योजना होना चाहिए। ऐसा होने पर ही मरीजों की मृत्यु दर को नियंत्रित किया जा सकेगा। सरकार केा सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को भी मजबूत करने पर ध्यान देन चाहिए।



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