कोरोना प्रभाव : परिवहन बंद, मजदूर मीलों दूर पैदल चलने पर मजबूर
कोरोना वायरस की वजह से केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा 'लॉकडाउन' का ऐलान किए जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में ट्रेन, मेट्रो सहित सभी परिवहन सेवाएं बंद हो गई हैं

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा 'लॉकडाउन' का ऐलान किए जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में ट्रेन, मेट्रो सहित सभी परिवहन सेवाएं बंद हो गई हैं, जिस वजह से दिल्ली में काम करने आए मजदूर लौटकर अपने गांव जाने के लिए मीलों पैदल चलने को मजबूर हैं। इस वक्त सबसे ज्यादा परेशान दिहाड़ी मजदूर हैं। बंदी के चलते उनके पास कोई काम नहीं है और 31 मार्च तक ट्रेनें बंद हैं, इसलिए वे अपने गांव लौटने को मजबूर हैं। हाथ में झोला लिए और सिर पर समान की गठरी लेकर मजदूर अपने घरों की ओर कूच करने लगे हैं। बड़ी संख्या में मजदूर वाहनों के इंतजार में सराय काले खां बस स्टैंड पर बसों का इंतजार कर रहे हैं।
दिल्ली में मजदूरी करने वाले विक्रम तंवर ने आईएएनएस को अपना दर्द व्यक्त करते हुए कहा, "हमें राजस्थान जाना है, हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से पैदल चलकर आ रहे हैं, न कोई ट्रेन चल रही है और न सराय काले खां बसअड्डे से कोई बस जा रही है, अभी हम बदरपुर बॉर्डर तक पैदल जा रहे हैं। अगर वहां भी कोई वाहन नहीं मिला तो फिर राजस्थान तक पैदल हम जाएंगे।"
आईएएनएस के यह पूछने पर कि जब सरकार कह रही है कि जो जहां हैं, वहीं रहें तो आप क्यों जा रहे हैं? इसके जवाब में तंवर ने कहा, "हमारा घर तो राजस्थान में है, यहां रहेंगे तो हम खाएंगे क्या? हमारी तो मजदूरी भी छूट गई है, भूखे थोड़े ही मरेंगे यहां?"
बहरहाल, जहां लोग सड़कों पर खड़े बसों का इंतजार कर रहे हैं, वहां पुलिस भी खड़ी है, जो ज्यादा भीड़ इकट्ठा होने पर लोगों को दूर-दूर हटकर खड़ा रहने के लिए कह रही है। जिन्हें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के अपने गांव लौटना जरूरी लगता है, वे लोग पैदल ही आगे बढ़ते जा रहे हैं।


